बायजू में बड़े संकट की आहट, डेलॉयट ने ऑडिट का कार्य छोड़ा, तीन निदेशकों ने भी इस्तीफा दिया

नईदिल्ली। एडुटेक स्टार्टअप बायजू में सबकुछ ठीक नहीं चला रहा है। हाल ही में अमेरिकी कर्जदाताओं का भुगतान रोकने के बाद अब डेलॉयट ने कंपनी का ऑडिट का कार्य छोड़ दिया है। जानकारों का कहना है कि यह किसी बड़े संकट की आहट है। आपको बता दें कि ऑडिट कंपनी डेलॉयट ने शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच बायजू की तरफ से वित्तीय विवरण (फाइनेंशियल स्टेटमेंट) देने में देरी होने पर इसके ऑडिटर के दायित्व से खुद को अलग कर लिया है। इसके साथ निदेशक मंडल के तीन सदस्यों के भी पद छोड़ने की खबरें आ रही हैं। वर्ष 2025 तक बायजू का ऑडिट करने के लिए चुनी गई फर्म डेलॉयट हैस्किंस एंड सेल्स ने कंपनी के वित्तीय विवरण आने में देर होने का कारण बताते हुए खुद को इससे तत्काल प्रभाव से अलग कर लिया है।

फाइनेंशियल स्टेटमेंट में देरी के बाद लिया फैसला

डेलॉयट ने बायजू की प्रवर्तक कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मंडल को भेजे गए एक पत्र में कहा कि वह वित्तीय विवरण मिलने में विलंब होने से ऑडिट का काम नहीं शुरू कर पाई है जिससे वह निर्धारिक मानकों के अनुरूप ऑडिट का काम नहीं पूरा कर पाएगी। इसके बाद बायजू ने एक बयान में बीडीओ को नया ऑडिटर नियुक्त किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि इससे वित्तीय समीक्षा एवं जवाबदेही के उच्चतम मानदंड के अनुपालन में मदद मिलेगी। इस बीच, सूत्रों ने कहा कि बायजू के निदेशक मंडल के तीन सदस्यों जी वी रविशंकर, रसेल ड्रीजनस्टॉक और विवियन वू ने इस्तीफा दे दिया है।

डायरेक्टर की छोड़ने की वजह का पता नहीं

हालांकि इनके इस्तीफे की वजह तात्कालिक तौर पर नहीं पता चल पाई है। अब बायजू के निदेशक मंडल में मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं संस्थापक बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजू रवींद्रन ही बचे रहे गए हैं। हालांकि कंपनी के एक प्रवक्ता ने इस बारे में संपर्क किए जाने पर कहा कि बायजू इसे सिरे से नकारती है और मीडिया से भी अपुष्ट सूचनाओं के प्रसार से परहेज करने का अनुरोध करती है। बायजू ने एक अमेरिकी अदालत में 1.2 अरब डॉलर कर्ज भुगतान को लेकर कर्जदाताओं के खिलाफ कानूनी मुकदमा किया है। उसने कर्जदाताओं पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

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