बृजमोहन को लेकर भूपेश का छलका प्रेम : भाजपा ने भूपेश को दी सलाह, कहा “मंथरा बनने की कोशिश ना करे”

रायपुर : छत्‍तीसगढ़ की सियासत में इन दिनों एक नाम की खासी चर्चा है। वह नाम है भाजपा के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल का। श्री अग्रवाल को जैसे ही रायपुर लोकसभा क्षत्र से प्रत्याशी बनाया गया, वैसे ही उनके केंद्र में मंत्री बनाए जाने की चर्चा शुरू हो गई। लेकिन उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में जगह नहीं मिली। हाल ही में उन्हें विधायक और राज्य के मंत्री पद भी छोड़ना पड़ा। इसके बाद विपक्ष को अचानक बृजमोहन अग्रवाल बेचारे नजर आने लगे हैं। विपक्ष को ऐसा लगने लगा है कि बृजमोहन अग्रवाल के साथ भाजपा न्याय नहीं कर रही है।

उल्लेखनीय है कि, पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान श्री अग्रवाल और पूर्व मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के बीच काफी तल्खी देखने को मिली थी। लेकिन अब अचानक श्री बघेल को बृजमोहन अग्रवाल के प्रति सहानुभूति हो रही है। दरअसल आज योग दिवस पर साइंस कालेज मैदान में आयोजित मुख्य कार्यक्रम के लिए छपे आमंत्रण पत्र में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल का नाम बतौर अतिथि शामिल नहीं था। जिसे लेकर भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर सवाल उठाए हैं।

यह रायपुर की जनता का अपमान: बघेल 

अपने पोस्ट में श्री बघेल ने कार्ड में अग्रवाल का नाम नहीं होने को मुद्दा बनाते हुए लिखा है कि, पहले विधानसभा से निकाला, फिर मंत्रिमंडल से निकाला और अब रायपुर के सांसद को योग दिवस के कार्यक्रम से भी निकाल दिया। विचारधारा और कार्यप्रणाली के आधार पर किसी से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन बृजमोहन अग्रवाल जी एक वरिष्ठ राजनेता और जनप्रतिनिधि भी हैं, उनका नाम इस निमंत्रण पत्र में न होना, रायपुर लोकसभा की जनता का भी अपमान है।

भाजपा का जवाब- मंथरा बनने की कोशिश ना करें

भूपेश बघेल के इस एक्‍स पोस्‍ट को री-ट्वीट करते हुए प्रदेश बीजेपी की तरफ से सोशल मीडिया (एक्‍स) में एक पोस्‍ट किया गया है। पार्टी की तरफ से कहा गया है कि भूपेश जी मंथरा बनने की कोशिश न करें। बृजमोहन जी कल कांकेर में योग दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि हैं। और रही बात विचारधारा की तो आपके कार्यकाल में टीएस सिंहदेव जी का सम्मान भी जनता ने देखा है। बिल्ली के भाग से छींका बिल्कुल नहीं टूटने वाला है। जनता ने आपके झूठ और फरेब का जवाब दे दिया है। कृपया जानकारी लेकर कुछ ट्वीट किया करें। रही सही साख भी अपनी और कांग्रेस की क्यों डुबाने पर आमादा हैं।

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