हाथियों का ठिकाना बना बतौली : सलेम देवरा जंगल में 22 हाथियों ने डाला डेरा, ग्रामीणों में दहशत का माहौल

सरगुजा : जिले के बतौली ब्लॉक अंतर्गत सोमवार 12 मई की रात 22 हाथियों का दल पहुंच गया। हाथियों ने रातभर गन्ना, धान और सब्जियों की फसलें चर दी, जिसके चलते किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। जिससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया है। दरअसल यह पूरी घटना ग्राम पंचायत सल्याडीह के सलेम देवरा जंगल की है।

मिली जानकारी के अनुसार, यह दल लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र से सलेम देवरा जंगल की ओर पहुंचा था। बीट प्रभारी पालेश्वर राम ने बताया कि 22 हाथियों का दल जंगल के आरएफ 2645 क्षेत्र में डेरा जमाए हुए है।

वन विभाग ने जारी किया अलर्ट, जंगल में प्रवेश पर रोक

वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे जंगल में प्रवेश न करें, विशेष रूप से तेंदरपत्ता तोड़ने के लिए भी न जाएं। बिट प्रभारी पालेश्वर राम ने बताया कि वन विभाग की टीम रेंजर विजय तिवारी के नेतृत्व में हाथियों की सतत निगरानी कर रही है और ग्रामीणों को समझाइश दी जा रही है। हालांकि, ग्रामीणों की जीविका तेंदरूपत्ता पर निर्भर होने के कारण कई लोग अभी भी जंगल की ओर जा रहे हैं, जिससे कोई अनहोनी की आशंका बनी हुई है।

बतौली – हाथियों की पसंदीदा जगह

बतौली वन परिक्षेत्र घने जंगलों और जलस्रोतों की उपलब्धता के कारण हाथियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। जशपुर और लुण्ड्रा की सीमाओं से सटे इलाकों जैसे घोघरा बासाझाल, मानपुर, टेढ़गा में हाथियों का लगातार आना-जाना बना रहता है। स्थानीय किसान बताते हैं कि हाथियों के आने से हर साल लाखों रुपये की फसलों का नुकसान होता है, और मुआवज़े के लिए उन्हें वन विभाग पर निर्भर रहना पड़ता है।

वन अमला भी जागकर कर रहा निगरानी

वन विभाग के कर्मचारियों के लिए भी यह दोहरी चुनौती बन गई है, एक तरफ हाथियों के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। दूसरी तरफ ग्रामीणों की सुरक्षा बनाए रखना भी आवश्यक है। विभाग रातभर ग्रामीणों के साथ जागकर जान-माल की रक्षा में जुटा है।

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