रायपुर। पीएम नरेंद्र मोदी की रायपुर में सभा के बाद से ही प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। सीएम भूपेश बघेल के बयान पर आज रविवार को पूर्व सीएम रमन रमन सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीरो टॉलरेंस पर सीएम भूपेश बघेल ने जो कल बयान दिया है। उनकी आपत्ति बड़ी अजीबो गरीब है। पीएम ने चुनावी सभा में कहा कि मैं भ्रष्टाचारियों को नहीं छोडूंगा। इस पर भूपेश बघेल क्यों घबरा रहे हैं, प्रधानमंत्री का इशारा भ्रष्टाचारियों पर है। साल 2014 से जब से नरेंद्र मोदी पीएम बने हैं, तब से भ्रष्टाचारियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है।
उन्होंने कहा कि जब छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होती है, तो भूपेश बघेल सामने आते हैं। जब कोयला घोटाला, शराब घोटाला के मामले में जब प्रकरण बनते हैं, कांग्रेसी पंजा उनके संरक्षण में सामने आता है। यह तो कार्रवाई होगी ही और हो रही है। इसमें सीएम भूपेश बघेल को इतना परेशान होने की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री ने पहले दिन से ही लक्ष्य बनाया है। वर्ष 2018 के बाद सीएम भूपेश बघेल हर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहते हैं कि डॉ. रमन सिंह की संपत्ति बढ़ी है। हर बार प्रेस में उनका यह बयान आता है, मुझे लगता है कि बघेल की याददाश्त कमजोर होती जा रही है।
रमन ने कहा कि बिलासपुर के हाईकोर्ट का फैसला सर्वोच्च न्यायालय ने दिया। 2018 के बाद वह लगातार ये मुद्दा उठाते रहे हैं। न्यायालय का फैसला क्या आया, इसके बाद भी सीएम भूपेश रिपीट पर रिपीट कर रहे हैं। यानी उच्च न्यायालय पर भी सीएम भूपेश बघेल को भरोसा नहीं है। जबकि उच्च न्यायालय स्पष्टतौर पर कहा है कि यह आरोप तथ्यहीन, निराधार और राजनीति से प्रेरित है। इसके बाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
रमन ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी सीएम बघेल 2018 से वही राग अलाप रहे हैं। हर महीने प्रेस में मेरे संपत्ति के बारे में बात करते हैं। चुनाव आयोग इसका हिसाब लेता है। 2003, 2008 और 2013 का सभी जांच करने के बाद चुनाव आयोग ने इसमें कोई कमी नहीं पाई है। इसमें कोई दिक्कत नहीं है। इसके बाद भी सीएम भूल नहीं पाते हैं। यह सीएम भूपेश की आदत का हिस्सा हो चुकी है।
पूर्व सीएम रमन ने कहा कि 2019 से 2023 के बीच बीच भूपेश सरकार ने दो हजार 161 करोड़ का घोटाला किया है। यह पीएम ने आरोप लगाए थे। इसमें आपत्तिजनक क्या बात है। किया है तो इसका प्रमाण है। पूरे मामले में सीएम भूपेश ने पूरे तंत्र को ही करप्ट कर दिया। सरकारी शराब और आउटलेट्स पर शराब माफिया का कब्जा हो चुका है।