गर्मी आते ही बदले गए रामलला के भोग, अब परोसे जा रहे दही, खीर और रबड़ी, पोशाक भी सूती वस्त्र की
गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में अयोध्या रामलला मंदिर में रामलला की सेवा में बदलाव किए गए हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य आयोजन के साथ भगवान राम के बालक स्वरूप को विराजित किया गया था। ऐसे में उनकी सेवा भी एक बालक के रूप में की जा रही है। देश-दुनिया से रामलला के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। गर्मी के मौसम के कारण प्रभु राम की सेवा में बदलाव किए गए हैं। राग, भोग और वस्त्र गर्मी के हिसाब से बदले गए हैं।
धारण कराए जा रहे सूती वस्त्र
रामलला को अब गर्मी के मौसम में गोटेदार सूती वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं। सुंदर सूती वस्त्रों में उनके मनमोहक रूप के दर्शन हो रहे हैं। वस्त्र के साथ-साथ उनके भोग में भी बदलाव किया गया है। रामलला को रबड़ी और दही का भोग लगाया जा रहा है। अभी तक उन्हें पेड़ा, खीर, पूड़ी-सब्जी का भोग लगाया जाता था, लेकिन अब गर्मी के हिसाब से भोग लगाया जा रहा है। दरअसल, राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने यह बताया है कि मौसम के हिसाब से राम लला का वस्त्र में परिवर्तन किया जाता है। ठंड के मौसम में रामलला को मखमली और मोटे वस्त्र धारण कराए जाते थे। जिससे गर्माहट बनी रहती थी।
रामलला के भोग में किया गया बदलाव
गर्मी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है, ऐसे में रामलला को भी गर्मी लगती है। इसी को ध्यान में रखते हुए उनके वस्त्रों में बदलाव किया गया और अब उन्हें सूती वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं। सूती वस्त्र से ठंडक महसूस होती है। राम लला को पहले भोग के रूप में रबड़ी और खीर अर्पित किए जाते थे, लेकिन अब दही का भी भोग लगाया जा रहा है।