Amit Shah Bastar Visit: बस्तर की जमीं पर शाह की हुंकार, नक्सलियों की उलटी गिनती शुरू!

नक्सल प्रभावित बस्तर की धरती पर इतिहास रचने वाले हैं देश के गृह मंत्री अमित शाह! पहली बार, किसी केंद्रीय गृह मंत्री का रात बिताना, वो भी नक्सलियों के गढ़ में, देशभर में सुर्खियां बना रहा है। ये दौरा सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि एक बड़ा संदेश है – नक्सलवाद का खात्मा और शांति की बहाली का संकल्प!"

नक्सल प्रभावित बस्तर की धरती पर इतिहास रचने वाले हैं देश के गृह मंत्री अमित शाह! पहली बार, किसी केंद्रीय गृह मंत्री का रात बिताना, वो भी नक्सलियों के गढ़ में, देशभर में सुर्खियां बना रहा है। ये दौरा सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि एक बड़ा संदेश है – नक्सलवाद का खात्मा और शांति की बहाली का संकल्प!

15 दिसंबर से दो दिन के इस दौरे में अमित शाह जगदलपुर में बस्तर ओलंपिक में शामिल होंगे, जहां वे सरेंडर किए गए नक्सलियों और नक्सल विरोधी अभियानों में तैनात जवानों से भी मिलेंगे। लेकिन इस दौरे में सबसे बड़ा चर्चा का विषय है – शाह का अति नक्सल प्रभावित इलाकों में जाना और वहां रात गुजारना। दावा किया जा रहा है कि शाह बस्तर के सुकमा, बीजापुर या नारायणपुर जिले के किसी सुरक्षाबल कैंप में रात बिताएंगे। और अगर ऐसा होता है, तो शाह ऐसा करने वाले देश के पहले गृह मंत्री होंगे।

अब सवाल उठता है – शाह आखिर कहां जा सकते हैं? दो संभावित लोकेशन पर चर्चा गर्म है। पहली – सुकमा का पूवर्ती गांव, जो देश के मोस्ट वांटेड नक्सली माड़वी हिड़मा का गढ़ है। इस गांव में हाल ही में सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया गया है। और दूसरी – नारायणपुर का अबूझमाड़, जिसे नक्सलियों की ‘राजधानी’ माना जाता है। ये वही इलाका है, जहां जल्द ही इंडियन आर्मी का बेस कैंप भी स्थापित किया जाना है। शाह का यहां दौरा महज सुरक्षा नहीं, बल्कि इलाके के विकास और नक्सलियों के खिलाफ मजबूत रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

“आपको याद दिला दें कि कुछ महीने पहले अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में एक बड़ी बैठक के दौरान एलान किया था कि मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सलियों से मुक्त कर दिया जाएगा। इस अभियान के बाद सुरक्षाबलों ने बस्तर के विभिन्न इलाकों में एक के बाद एक कैंप स्थापित किए। इस साल बस्तर में 25 से ज्यादा नए कैंप स्थापित किए गए हैं।

“इस दौरे से पहले ही बस्तर में ऑपरेशन तेज हो गया है। पिछले 2 दिनों में सुरक्षाबलों ने 9 नक्सलियों को ढेर कर दिया, जबकि इस साल अब तक 219 नक्सलियों का सफाया किया गया है। यह आंकड़ा बताता है कि नक्सल विरोधी अभियान कितना तेज हो चुका है।”

“अब बड़ा सवाल ये है – क्या शाह के इस दौरे से बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में कोई बड़ा बदलाव आएगा? क्या ये दौरा नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ‘साइकोलॉजिकल वारफेयर’ साबित होगा? और क्या शाह का बस्तर में रात गुजारना नक्सलियों को एक कड़ा संदेश देगा?”

“बस्तर में शांति का सूरज उगाने की कोशिशें तेज हो चुकी हैं। ये दौरा सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि बस्तर की नई सुबह की उम्मीद है!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

This will close in 20 seconds