यूरिया की कालाबाजारी पर कृषि मंत्री का एक्शन : अंबिकापुर के फर्टिलाइजर इंस्पेक्टर को हटाया, अधिकारियों को दी चेतावनी

रायपुर : छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने यूरिया खाद की कालाबाजारी को लेकर साफ तौर पर कहा है कि खाद माफिया को नहीं बक्शा जायेगा. खाद माफिया से तालमेल रखने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ भी आने वाले दिनों में कार्रवाई की जाएगी. ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने यह भी कहा है कि खाद माफिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराया जा रहा है तो इस पर भी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

अंबिकापुर में यूरिया की कालाबाजारी

विस्तार न्यूज़ से खास बातचीत में कृषि मंत्री राम विचार नेता ने कहा कि एरिया खाद की कालाबाजारी की जा रही है उनके क्षेत्र के कई लोगों ने फोन कर बताया कि उन्हें झारखंड से यूरिया लाकर खेती करना पड़ रहा है. किसान महंगे दाम पर यूरिया खरीद कर खेती कर रहे हैं. मतलब साफ है कि यूरिया की कालाबाजारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 90% खाद की आपूर्ति की जा चुकी है. 10% खाद की आपूर्ति बाकी है, जो धीरे-धीरे पुरी की जाएगी लेकिन उन्होंने खाद माफिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर दो टूक में कहा है कि अधिकारी सुधर जाएं, लापरवाही न बरते, माफिया और गड़बड़ी करने वाले व्यापारियों को साथ न दें वरना खुद कार्यवाही को लेकर तैयार रहें। कृषि मंत्री ने बताया कि उनके खेत में भी धान की खेती लहलहा रही है उन्होंने भी अपने खेत में सिर्फ एक बार ही यूरिया डाला है. वे भी अपने खेत में फसल को देखने जाने वाले हैं.

अंबिकापुर के फर्टिलाइजर इंस्पेक्टर को हटाया

अंबिकापुर शहर में खाद की कालाबाजारी की लगातार शिकायत और ठोस कार्रवाई नहीं होने पर यहां भी प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई की गई है उन्होंने बताया कि अंबिकापुर के फर्टिलाइजर इंस्पेक्टर को अटैच कर दिया गया है यानि दूसरे फर्टिलाइजर इंस्पेक्टर को अंबिकापुर में खाद की निगरानी की जिम्मेदारी दे दी गई है. सरगुजा जिले के कृषि योग संचालक पीतांबर सिंह दीवान ने फोन में चर्चा के दौरान बताया कि अंबिकापुर के फर्टिलाइजर इंस्पेक्टर को हटा दिया गया है.

जैविक खेती की तरफ ध्यान दें किसान

कृषि मंत्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों के द्वारा अत्यधिक मात्रा में रासायनिक खाद का उपयोग किया जा रहा है जो जमीन के साथ ही साथ इंसान के लिए बेहद ही खतरनाक है. उन्होंने कहा कि अत्यधिक मात्रा में उर्वरक और कीटनाशक का उपयोग करने की वजह से कई गंभीर तरह की बीमारियां हो रही हैं, लोग इससे उत्पन्न होने वाले अनाज को खाने के बाद कैंसर, लीवर, किडनी की गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं. ऐसे में किसानों को सीमित मात्रा में ही रासायनिक खाद का उपयोग करना चाहिए और जैविक खेती की तरफ ध्यान देना चाहिए.

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