राष्ट्रपति के पांच दत्तक पुत्रों की मौत से गरमाई सियासत, पूर्व सीएम बघेल ने राज्य सरकार को घेरा

कबीरधाम : जिले के तहत बोड़ला ब्लॉक के झलमला थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित ग्राम सोनवाही में पांच बैगाओं की मौत हो गई है। इन सभी की मौत 10 जुलाई से पहले हुई है। इन बैगा जनजाति को राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र का दर्जा प्राप्त है। यह छत्तीसगढ़ की विशेष संरक्षित जनजाति है। इसके चलते राज्य व केंद्र सरकार के द्वारा इनके संरक्षण के लिए भी कई तरह की योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इनकी मौत का कारण उल्टी-दस्त बताया जा रहा है।

हालांकि, अब गांव में प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद है। आज रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में सर्वे किया है। दूसरी ओर राष्ट्रपति के 5 दत्तक पुत्रों की मौत से प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। इस मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने राज्य सरकार को घेरा है। शनिवार देर शाम वे गांव में पीड़ित लोगों से मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि विशेष संरक्षित जनजाति होने के बावजूद सोनवाही के बैगा आदिवासियों को इस सरकार में योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। 5 मौतें होने के बाद विष्णुदेव सरकार की नींद टूटी है और आज जब हम पहुंचे तब मच्छरदानी वितरण, स्वास्थ्य परीक्षण और दवाई वितरण शुरू हो सका है।

सीएम बघेल ने कहा कि अब तक 25 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं। एक परिवार में पांच सदस्य हैं, लेकिन सिर्फ एक मच्छरदानी दी जा रही है। कवर्धा विधायक व डिप्टी सीएम विजय शर्मा का क्षेत्र होने के बावजूद पूर्व में भी जिले के ही ग्राम कोयलारी व दैहानडीह में उल्टी-दस्त के चलते मौतें हो चुकी हैं, लेकिन सरकार गायब है। हम सरकार से मांग करते हैं कि सभी मृतक परिवार को चार-चार लाख रुपये मुआवजा राशि व सभी बैगा आदिवासियों को समुचित मच्छरदानी व आवश्यक स्वास्थ्य सहायता प्रदान की जाए।

डिप्टी सीएम भी पहुंचे थे गांव

गांव में बैगाओं की मौत के बाद जिले में हड़कंप मचा हुआ है। बीते शुक्रवार देर शाम को स्थानीय कवर्धा विधायक व डिप्टी सीएम विजय शर्मा सोनवाही गांव पहुंचे हुए थे। उन्होंने ग्रामीणों समेत पीड़ित परिवार के परिजनों से मुलाकात की। ग्राम सोनवाही के आदिवासी बालक छात्रावास में बनाएं गए अस्थाई स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया। उपचार कराने आएं मरीजों से चर्चा की। जिला प्रशासन को वनांचल समेत मैदानी क्षेत्रों में मौसमी बीमारी, डायरिया, उल्टी दस्त और जलजनित बीमारियों का संक्रमण ना हो इसके लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए है। कलेक्टर को वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाने व मलेरिया, डायरिया समेत मौसमी बीमारियों के बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने कहा। सुदूर वनांचल क्षेत्र चिल्फी, झलमला व तरेगांव जंगल के शासकीय अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन डीएमएफ फंड से खरीदी करने के निर्देश दिए है। स्वास्थ्य शिविर, जल स्त्रोतो का क्लोनिएशन कराने कहा है।

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