वन अपराध रोकने वन मुख्यालय ने राज्य शासन को भेजा 2955 पदों का प्रस्ताव

रायपुर। वन मुख्यालय ने राज्य शासन को वन अमले में 21 साल बाद सेटअप रिव्यू का प्रस्ताव भेजा है। एसीएस वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को भेजे गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि विभागीय कामकाज में असंतुलन का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए सेटअप रिव्यू आवश्यक हो गया है। पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार 3243 पदों की वृद्धि मांगी गई थी। ये पद वन मुख्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय, वन्यप्राणी, वन अनुसंधान संस्थान के सेटअप को शामिल करते हुए मांगे गए थे। इसे पुनः संशोधित कर कुल 2955 पदों का प्रस्ताव भेजा गया है।

गौरतलब है कि,  मुख्यालय सेटअप की स्वीकृति वर्ष 2001 में तथा मैदानी सेटअप की स्वीकृति वर्ष 2003 में दी गई थी। इसके बाद से विभागीय सेटअप का पुनरीक्षण नहीं हुआ है। वन विभाग को छोड़ अन्य विभाग, जिसमें पंचायत सहित स्वास्थ्य, श्रम, पुलिस, महिला एवं बाल विकास, नगरीय प्रशासन विभाग में 300 से सौ प्रतिशत तक सेटअप की वृद्धि की गई है। बीते 21 सालों में वन विभाग में महज 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। राज्य के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में अन्य राज्यों की तुलना में कम अमला स्वीकृत है, जबकि राज्य का 44 प्रतिशत भू-भाग वनक्षेत्र है। राज्य के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में कई अन्य योजनाएं कैंपा, राष्ट्रीय बांस मिशन, संयुक्त वन प्रबंधन, वन विकास अभिकरण, ग्रीन इंडिया मिशन, मनरेगा, जनसूचना चालू होने के कारण कार्यभार में वृद्धि हुई है।

सेटअप पुनरीक्षण एक दशक से लंबित

गौरतलब है कि, विभाग का सेटअप पुनरीक्षण वर्ष 2010 से विचाराधीन है। इस संबंध में वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ कई बार बैठकें हो चुकी हैं। बावजूद इसके सेटअप पुनरीक्षण प्रस्ताव का अनुमोदन नहीं हो पाया है।

सेटअप कम, वन अपराध पर अंकुश नहीं

सेटअप कम होने की वजह से वन अपराध पर अंकुश लगाना वन अफसरों के लिए एक बड़ी चुनौती है। साथ ही राज्य के ज्यादातर जिले हाथी प्रभावित हैं। ऐसे में हाथी प्रबंधन को लेकर एक अलग से सेटअप की जरूरत है। अमला कम होने की वजह से हाथी प्रबंधन से लेकर वनों में अवैध कब्जा रोकने का कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

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