नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल मामले की आज फिर एक बार सुनवाई की. सुनवाई करने वाले पांच जजों की संविधान पीठ में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिसरा शामिल रहें. आज की सुनवाई की शुरुआत बेहद तल्ख माहौल मे हुई. फिक्की, एसोचैम की ओर से पेश होते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि कृपया अल्फा नंबर देने के मुद्दे को टाल दें. इस पर सीजेआई ने रोहतगी से कहा कि आप पहले आवेदन दीजिए फिर आपको सुना जाएगा.
इस मामले में स्टेट बैंक की ओर से हरीश साल्वे पेश हो रहे हैं. उन्होंने साल 2019 के अंतरिम आदेश का जिक्र किया और बताया कि स्टेट बैंक ने इस फैसले को किस तरह समझा है. इस पर सीजेआई ने कहा कि हमने सारी जानकारी सार्वजनिक करने को कहा था, आप चुनिंदा जानकारी साझा नहीं कर सकते. हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट के अप्रैल 2019 के आदेश को जिस तरह समझा, वह बताया. साल्वे ने कहा कि चूंकि बॉन्ड अलग-अलग जगह फिजिकल तरीके से रखे गए थे, ऐसे में बॉन्ड नंबर नहीं दिए गए और हमें इसको देने में कोई समस्या नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसबीआई एक हलफनामा दाखिल करे कि आदेश के अनुपालन में बॉन्ड नंबर दे और यह स्पष्ट करे कि इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित वह सारी जानकारी ईसीआई को मुहैया करा चुका है। उसने कोई जानकारी शेष नहीं रखी।