Asian Games: कमर दर्द के बावजूद प्रणय बैडमिंटन एकल के सेमीफाइनल में, पदक किया पक्का; सिंधू हार के साथ बाहर

हांगझोऊ : भारत के शीर्ष एकल खिलाड़ी एचएस प्रणय ने हांगझोऊ एशियाई खेलों में मलयेशिया के ली झी जिया को तीन गेम तक चले पुरुष एकल के रोमांचक क्वार्टर फाइनल में हराकर भारत के लिए बैडमिंटन का पदक सुनिश्चित किया।
कमर की चोट से जूझ रहे दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी प्रणय ने दुनिया के 16वें नंबर के खिलाड़ी जिया को 78 मिनट चले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 21-16 21-23 22-20 से हराया। प्रणय का पदक नई दिल्ली 1982 खेलों में सैयद मोदी के कांस्य के बाद एशियाई खेलों की पुरुष एकल स्पर्धा में भारत का पहला पदक है। यानी 41 साल बाद पदक मिला है। मैच में चिकित्सकीय मदद लेने वाले प्रणय ने निर्णायक गेम में दो मैच प्वाइंट बचाए और लगातार चार अंक के साथ गेम और मैच जीत लिया।
महिला एकल में सिंधू की चुनौती क्वार्टर फाइनल में टूटी
महिला एकल में पीवी सिंधू को हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधू क्वार्टर फाइनल में चीन की ही बिंगजियाओ के खिलाफ सीधे गेम में शिकस्त के साथ एशियाई खेलों से बाहर हो गईं। दुनिया की 15वें नंबर की खिलाड़ी सिंधू को दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी बिंगजियाओ के खिलाफ 47 मिनट में 16-21, 12-21 से हार का सामना करना पड़ा।
सिंधू ने टोक्यो ओलंपिक में बिंगजियाओ को ही सीधे गेम में हराकर कांस्य पदक जीता था लेकिन चीन की खिलाड़ी ने अपनी सरजमीं पर जीत के साथ बदला चुकता किया और भारतीय खिलाड़ी से पिछले दो एशियाई खेलों के पदक के रंग को बेहतर करने का मौका छीन लिया।
सिंधू ने 2014 इंचियोन और 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में क्रमश: कांस्य और रजत पदक जीता था। दोनों खिलाड़ियों ने पहले गेम में अच्छी शुरुआत की लेकिन बिंगजियाओ ने जल्द ही 9-5 की बढ़त बना ली। सिंधू को कोर्ट में मूवमेंट को लेकर जूझना पड़ रहा था। बिंगजियाओ ने भारतीय खिलाड़ी को पूरे कोर्ट पर दौड़ाया और फिर सटीक शॉट के साथ अंक जुटाए।
चीन की खिलाड़ी ने पहला गेम 23 मिनट में जीता। दूसरे गेम में भी सिंधू जूझती दिखी। बिंगजियाओ ने 5-1 की बढ़त बनाई। सिंधू की गलतियों पर चीन की खिलाड़ी ने दमदार स्मैश से कई अंक जुटाए। सिंधू ने हालांकि वापसी करते हुए स्कोर 8-9 किया लेकिन बिंगजियाओ ने लगातार तीन अंक के साथ 12-8 की बढ़त बना ली। चीन की खिलाड़ी को इसके बाद गेम और मैच जीतने में कोई परेशानी नहीं हुई।