पर्यटन और होटल सेक्टर में असीम संभावनाए : छत्तीसगढ़ सरकार ने उठाए कई मजबूत कदम, रोजगार और निवेश के बढे अवसर

रायपुर। छत्तीसगढ़ भारत का एक ऐसा राज्य है, जो प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विविधता से परिपूर्ण है। यह राज्य घने जंगलों, प्राचीन मंदिरों, झनं, गुफाओं और आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है। पर्यटन की दृष्टि से यह प्रदेश अद्भुत संभावनाओं का गढ़ है। छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल के वर्षों मं पर्यटन और हीटल उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं, जिससे यह क्षेत्र रोजगार निवेश और आर्थिक विकास का प्रमुख साधन बनता जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में पर्यटन का महत्व और वर्तमान परिदृश्य

छत्तीसगढ़ की 44 प्रतिशत से अधिक भूमि वन क्षेत्र से आच्छादित है, जिससे यहां की प्राकृतिक सुंदरता अनौखी और आकर्षक बनती है। चित्रकोट जलप्रपात जिसे ‘भारत का नियाग्रा’ कहा जाता है, तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर घाटी नेशनल पार्क, उती-सितानदी अभयारण्य जैसे प्राकृतिक स्थल पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। इसके अलावा धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थल भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। सिरपुर के बौद्ध विहार, डॉगरगढ़ का मां बमलेश्वरी मंदिर, राजिम कुंभ, रतनपुर, और दंतिश्वरी मंदिर आस्था और इतिहास प्रेमियों के लिए विशेष महत्व रखते हैं। बस्तर की आदिवासी संस्कृति, दशहरा पर्व, हस्तशित्य और हाट-बाजार अपनी विशिष्ठता के कारण देश-विदेश के पर्यटकों को प्रभावित करते हैं।

छत्तीसगढ़ का पर्यटन रोडमैप

राज्य सरकार ने पर्यटन विकास का एक दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किया है, जिसका उद्देश्य प्रदेश को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन का केंद्र बनाना है।

० प्राकृतिक पर्यटन – जलप्रपातों, गुफाओं, पहाड़ों और जंगलों को ईको-टूरिज्म के रूप में विकसित करना।

० धार्मिक और संस्कृतिक पर्यटन – सिरपुर महोत्सव, राजिम कुंभ और बस्तर दशहरे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना।

० एडवेंचर टूरिज्म – जंगल सफारी, ट्रैकिंग, कैम्पिंग और रिवर राफ्टिंग जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करना।

० आदिवासी पर्यटन – स्थानीय जनजातीय जीवन, हस्तशिल्प, नृत्य और संस्कृति को पर्यटन पैकेज में शामिल करना।

० फिल्म टूरिज्म – छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक और सॉस्कृतिक पृष्ठभूमि को फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री शूटिंग के लिए उपलब्ध कराना।

विकास की नई नीति और पर्यटन

छत्तीसगढ़ सरकार ने पर्यटन नीति 2022-27 बनाई है, जिसमें पर्यटन कोउद्योग का दर्जा दिया गया है। इस नीति के तहत ७ प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सड़क, बिजली, पानी और डिजिटल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जा रही हैं।

पर्यटकों के लिए होमस्टे और रिसॉर्ट्स की सुविधा बढ़ाई जा रही हैं।

पर्यटन सूचना केंद्र और डिजिटल गाइड के माध्यम से पर्यटन को हाई-टेक बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

स्थानीय युवाओं को गाइड, चालक, कैम्पिंग मैनेजर और होटल कर्मचारियों के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है।

नई औद्योगिक नीति और पर्यटन उद्योग के प्रावधान

राज्य की नई औद्योगिक नीति मैं पर्यटन और होटल उद्योग को विशेष प्रावधान दिए गए हैं:

पर्यटन इकाइयों और होटलों को ब्याज दर पर सब्सिडी और टैक्स में छूट।

पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के अंतर्गत होटल, रिसॉर्ट, थीम पार्क और एडवेंचर कैंप के निर्माण की सुविधा।

पर्यटन आधारित स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता।

होटल मैनेजमेंट और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में विशेष प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना

पर्यटन निवेशक समिट के जरिए देश-विदेश के उद्यमियों को आकर्षित करने का प्रयास

होटल उद्योग में संभावनाएं

पर्यटन की वृद्धि के साथ होटल उद्योग भी तेजी से बढ़ रहा है। रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर जैसे शहरों में बड़े होटल चेन आ चुके हैं। आने वाले समय में छोटे कस्बों और पर्यटन स्थलों पर भी हौटलों और रिसॉर्ट्स की संख्या बढ़ेगी। सरकार हौमस्टे और ग्रामीण पर्यटन को भी प्रोत्साहन दे रही है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और पर्यटक स्थानीय संस्कृति से परिचित हो सकेंगे।

रोजगार और आर्थिक प्रभाव

पर्यटन और होटल उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ- साथ बड़े पैमाने पर रोजगार भी पैदा कर रहा हैं। गाइड, होटल स्टाफ, टैक्सी- ड्राइवर, कैम्पिंग ऑपरेटर, हस्तशित्प विक्रेता और स्थानीय कलाकारों को इसका सीधा लाभ मिल रहा हैं। यह उद्योग ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रो में आर्थिक गतिविधियों को गति देता है।

प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और आदिवासी जीवन पर्यटकोंके लिए अद्भुत अनुभव

छत्तीसगढ़ पर्यटन और होटल उद्योग के क्षेत्र में असीम संभावनाओं वाला राज्य है यहां की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और आदिवासी जीवन पर्यटकों के लिए अदभुत अनुभव प्रदान करते हैं। नई औद्योगिक नीति और पर्यटन रोडमैप ने इस क्षेत्र को और अधिक मजबूत किया है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ न केवल देश बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर भी अपनी अलग पहचान बनाएगा। यह क्षेत्र रोजगार, निवेश और सांस्कृतिक पहचान का गढ़ बनकर उभरेगा।

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