छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के लिए नई राह: आत्मसमर्पण नीति 2025 से मिलेगा सम्मान, सुरक्षा और रोजगार

रायपुर। अब हथियार छोड़ने का समय है। छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल प्रभावित युवाओं को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के उद्देश्य से “छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025” लागू की है। यह नीति न केवल सुरक्षा और पुनर्वास की गारंटी देती है, बल्कि आत्मनिर्भर बनने की दिशा में रोजगार और सम्मानजनक जीवन का अवसर भी प्रदान करती है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट संदेश दिया है कि जो युवा हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति, विकास और शिक्षा की ओर बढ़ना चाहते हैं, उनके लिए सरकार हर कदम पर साथ देने को तैयार है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि कलम, खेती और रुचि आधारित व्यवसाय अपनाकर वे आत्मनिर्भर बनें और समाज का हिस्सा बनें।

नीति के प्रमुख प्रावधान:

  • तीन साल तक ₹10,000 प्रति माह मानदेय दिया जाएगा।
  • ट्रांजिट कैंप और पुनर्वास केंद्रों में आवास और प्रशिक्षण की व्यवस्था।
  • 120 दिनों के भीतर पुनर्वास प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य।
  • शहरी क्षेत्रों में प्लॉट और ग्रामीण इलाकों में कृषि भूमि प्रदान की जाएगी।
  • स्वरोजगार और व्यवसाय से जुड़ने के लिए विशेष योजनाएं लागू होंगी।

अन्य राज्यों के नक्सलियों को भी मिलेगा लाभ

यह नीति केवल छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं है। अन्य राज्यों के नक्सली भी अगर तय प्रक्रियाओं के अनुसार प्रमाणन और अनापत्ति प्राप्त करते हैं, तो उन्हें भी इस नीति का लाभ मिल सकेगा।

समाज की मुख्यधारा में वापसी का भरोसा

राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर समितियां गठित की हैं, जो आत्मसमर्पण के मामलों की समीक्षा करेंगी और देखेगी कि लाभार्थी समाज में सकारात्मक भूमिका निभा रहा है या नहीं।

निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ सरकार की यह नई नीति राज्य में स्थायी शांति बहाली की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। यह स्पष्ट संदेश देती है कि अब हिंसा का नहीं, बल्कि विकास और सम्मान से जुड़ने का समय है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button