उत्तर प्रदेश : पूरी दुनिया में आज योग दिवस (Yoga Day 21 June) मनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मदरसों में भी सभी मुसलमान छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ योग दिवस मनाया। सभी मदरसों में योग दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। कई मदरसों में सबसे बेहतर योग करने के लिए छात्रों को पुरस्कृत भी किया गया।
मुसलमान छात्रों पर समाजवादी पार्टी नेता शफीकुर्रहमान बर्क की उस अपील का कोई असर नहीं पड़ा, जिसमें उन्होंने मदरसों में मुसलमान छात्रों के द्वारा योग करने पर आपत्ति जताई थी।
उत्तर प्रदेश में लगभग 25 हजार मदरसे हैं। इनमें 16,500 पंजीकृत और 8,500 गैरपंजीकृत हैं। पंजीकृत मदरसों में लगभग 19.5 लाख छात्र पढ़ाई करते हैं, जबकि गैरपंजीकृत मदरसों में लगभग 7.5 लाख छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस तरह यूपी के मदरसों में लगभग 27 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
छात्रों में बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय से हैं, लेकिन इनमें हिंदू समुदाय सहित अन्य समुदाय के बच्चे भी शिक्षा ग्रहण करते हैं। इन सभी मदरसों में आज योग कार्यक्रम आयोजित किया गया और सभी बच्चों ने बड़े जोर-शोर के साथ योग कार्यक्रम में भागीदारी की।
इसके पहले 20 जून को एक आदेश जारी करते हुए उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने सभी मदरसों में योग कार्यक्रम आयोजित कराने और उसकी रिपोर्ट परिषद से साझा करने का आदेश जारी किया था।
योग को धर्म से न जोड़ें- चेयरमैन
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने अमर उजाला से कहा कि योग शरीर और मन को स्वस्थ रखने की एक वैज्ञानिक पद्धति है। योग करके बिना एक पैसा खर्च किए अपने शरीर और मन को स्वस्थ रखा जा सकता है।
इस तरह का स्वस्थ व्यक्ति न केवल अपने परिवार के लिए, बल्कि देश और समाज के लिए आदर्श नागरिक साबित होता है। इसलिए बिना किसी प्रकार का भेद किए हर व्यक्ति को योग को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
सपा नेता शफीकुर्रहमान बर्क द्वारा मदरसों में मुसलमान छात्रों के द्वारा योग कराने को लेकर जताई गई आपत्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि योग किसी धर्म की विषयवस्तु नहीं है। आज दुनिया में 200 के करीब देश योग को अपना चुके हैं, इनमें 54 मुस्लिम राष्ट्र भी शामिल हैं।
ऐसे में योग को किसी धर्म से जोड़ते हुए उसका विरोध करना बिल्कुल गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब सांप्रदायिक राजनीति करने वाले शफीकुर्रहमान बर्क जैसे लोगों की असलियत मुसलमान समझ चुका है और वह अब उनके झांसे में नहीं आएगा, उन्होंने कहा कि वे केवल चर्चा में बने रहने के लिए इस तरह के आपत्तिजनक बयान देते हैं।