मरिया भात में परोसा जंगली मशरूम : एक ही परिवार के 13 लोग हुए फ़ूड पाइजिनिग का शिकार

बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में जंगली पैरा फुट (मशरूम) की सब्जी खाने से बड़ा हादसा होते-होते टल गया। यह पूरा मामला डॉंडीलोहारा ब्लॉक के मुड़खुसरा गांव का है।
जानकारी के मुताबिक, गांव के सभी लोग गांव में आयोजित मृतक जोगेंद्र हदगिया के कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। जहाँ पूरे परिवार मरिया भात (मृत्यु भोज) खाए। एक ही परिवार के ।3 सदस्य अचानक फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। पीड़ितों में 4 छोटे बच्चे और 9 महिलाएं शामिल हैं। सभी लोग गांव में आयोजित मृतक जोगेंद्र हदगिया के कार्यक्रम में शामिल होने आए थे, जहां जंगली पैरा फुटू (मशरूम) की सब्जी परोसी गई थी।
सभी का अस्पताल में ट्रीटमेंट जारी
घटना के बाद सभी पीड़ितों को तत्काल डौंडीलोहारा के शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल सभी की स्थिति सामान्य बनी हुई है और डॉक्टरों की निगरानी में इलाज जारी है। अस्पताल में ड्रिप और इंजेक्शन के जरिए पीड़ितों को ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी है। गांव में इस घटना के बाद अफरा-तफरी का माहौल है।
काल बनी मछली: परिवार के चार लोग हुए फूड प्वाइजनिंग के शिकार
वहीं 3 जुलाई को मरवाही ब्लॉक के सेमरर्दर्री ग्राम पंचायत के भाठाटिकरा मोहल्ला में एक दर्दनाक घटना घटी थी। यहां एक परिवार ने नदी से मछली लाकर उसे खाने के बाद, पूरा परिवार फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गया था। इस घटना में 25 वर्षीय युवती जगेश्वरी की मौत हो गई।
स्वास्थ्य विभाग ने आसपास के घरों की भी की जांच
स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मितानिन के माध्यम से लाइफ सेविंग ट्रीटमेंट किया और एंबुलेंस भी भेजी पर परिवार अस्पताल नहीं आ रहा था, इसलिए घर पर ही मेडिकेशन किया गया। युवती के पिता गुलाब सिंह, माता कुसुम और भाई अनिल का इलाज किया गया, जिसके बाद उनकी स्थिति अब सामान्य रही। साथ में ही खाना खाने के बाद पड़ोसी अजीत सिंह भी फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए थे, उनका भी इलाज किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने गांव में आसपास के घरों में जांच की, जिसमें किसी अन्य घर में ऐसी स्थिति नहीं पाई गई। सभी मोहल्लों में स्थिति सामान्य पाई गई।