क्रेडिट कार्ड पर बैंकों ने क्यों लगा दी यह शर्त, वजह जानकार आपके भी उड़ जाएंगे होश

मुंबई: अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है। बैंक क्रेडिट कार्ड यूजर्स को उनके बकाये से ज्यादा अमाउंट का भुगतान करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। अगर किसी ने ऐसा किया है तो उन्हें रिफंड किया जा रहा है। मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी की आशंकाओं के कारण ऐसा किया जा रहा है।

क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले हर महीने अपने कुल बकाये या न्यूनतम बकाये का भुगतान करते हैं। लेकिन कुछ यूजर्स अपने बकाये से ज्यादा अमाउंट का भुगतान करते हैं ताकि उनके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बनी रहे। बैंकों की नई पाबंदियों का असर ऐसे यूजर्स पर पड़ेगा जिन्हें किसी कारणवश अचानक ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। बैंकर्स का कहना है कि ऐसे यूजर्स खरीदारी के तुरंत बाद पेमेंट कर सकते हैं।

एक बैंक अधिकारी ने कहा कि क्रेडिट कार्ड अकाउंट में फंड जमा करने की अनुमति नहीं देने के पीछे एक बड़ा कारण है कि अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में इसके दुरुपयोग से बचा जा सके। अधिकारी ने कहा, कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें अकाउंट हैक करके पैसों को क्रेडिट कार्ड में भेजा गया है। फिर ऐसे क्रेडिट कार्ड्स को इंटरनेशनल ट्रांजैक्शंस में इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकांश बैंकों ने कस्टमर्स को ऐप्स के जरिए ओवरपे से बचाने किए अपनी व्यवस्था बनाई हुई है। लेकिन अब भी दूसरे बैंकों से ट्रांसफर किया जा सकता है। ऐसे मामलों में कार्ड इश्यू करने वाला बैंक एक हफ्ते के भीतर सरप्लस फंड को रिटर्न कर रहा है।

क्या है मामला

एचडीएफसी बैंक, एसबीआई कार्ड और एक्सिस बैंक अपने कस्टमर्स को ऐप्स के जरिए बकाये से ज्यादा के भुगतान की अनुमति नहीं दे रहे हैं। हालांकि आईसीआईसीआई बैंक के कुछ ग्राहकों का कहना है कि उन्होंने अपने क्रेडिट कार्ड्स का ज्यादा भुगतान किया है। एचडीएफसी बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा कि क्रेडिट कार्ड एक लेंडिंग प्रॉडक्ट है। यह सेविंग्स अकाउंट नहीं है, इसलिए कस्टमर को इसमें फालतू पैसा रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। प्रवक्ता ने कहा कि बैंकों को क्रेडिट कार्ड पर ज्यादा क्रेडिट नहीं रखने को कहा गया है। मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से भी इसकी जांच हो रही है। हाल में जारी गाइडलाइन में बैंकों को फालतू क्रेडिट कार्ड बैलेंस को रिफंड करने को कहा गया है।

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