हाथियों का हत्यारा कौन ? बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक और गजराज ने तोड़ा दम, अब तक 10 की हो चुकी है मौत

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक और हाथी की मौत हो गई। अब तक कुल 10 हाथियों ने दम तोड़ा है। तीन दिन में 10 हाथियों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है।

उमरिया। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक और हाथी की मौत हो गई। अब तक कुल 10 हाथियों ने दम तोड़ा है। तीन दिन में 10 हाथियों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। इनका हत्यारा कौन है ? फिलहाल इसकी जांच की जा रही है। एमपी समेत दिल्ली की टीम ने SIT गठित की है। यह समिति पांच किलोमीटर के दायरे की जांच करेगी।

दरअसल, यह पूरा मामला बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर के सलखनियां बीट का है। मंगलवार को माहुर रोग से बचाव के लिए किसानों ने फसल में कीटनाशक का छिड़काव किया था। उसी फसल को हाथियों के झुंड ने सेवन कर लिया। इसके बाद हाथियों की हालत बिगड़ने लगी और 4 हाथियों की मौत हो गई। जबकि 5 हाथी बेहोशी की हालत में मिले थे, जिसमें 3 और हाथी ने दम तोड़ दिया था।

पीएम के बाद हाथियों को दफनाया

वहीं तीन हाथियों का इलाज किया जा रहा था, जिसमें एक हाथी ने कल (बुधवार) दम तोड़ दिया था। जबकि आज गुरुवार को दो और हाथी की मौत हो गई। अब तक कुल 10 हाथियों की मौत हो चुकी है। आपको बता दें कि बुधवार को हाथियों का पोस्टमार्टम करने के बाद उन्हें दफना दिया गया है। जिसके लिए 300 बोरी नमक और गढ्ढे खोदने के लिए जेसीबी मशीन बुलाई गई थी।

MP समेत दिल्ली टीम ने SIT गठित की

मध्य प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्रदेश के मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक ने पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है तो वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली ने भी एसआईटी गठित की है। वहीं नेशनल टाइगर कंजरवेटर अथॉरिटी की टीम भी बांधवगढ़ पहुंच गई है। इधर, स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने डॉ स्क्वॉड की मदद से सात खेतों में पहुंचकर और सात घरों में जाकर तलाशी ली गई। पूछताछ के लिए पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन फिलहाल विभाग मौक के कारणों का पता नहीं लगा पाया है।

वन विभाग के अनुसार, छह हाथियों का पीएम हो चुका है। प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर मौत का कारण कोदो की विषाक्तता माना जा रहा है। टीमें इस दिशा में जांच कर रही है कि हाथियों को जानबूझकर जहर दिया गया है या फसल के कीटनाशक के कारण ऐसा हुआ है। घटनास्थल से पांच किलोमीटर के दायरे में वन्यजीवों ने जहां-जहां फसल को नुकसान पहुंचाया है, उन सभी स्थानों के सैंपल फॉरेसिंक जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। साथ ही आसपास के जलस्रोत्रों से पानी के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं। पिछले दिनों पार्क आने वाले लोगों का डाटा भी खंगाला जा रहा है। जांच दल आसपास के रिसोर्ट गतिविधियों की दिशा में भी जांच कर रहा है।

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