इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके बाद से ही पूरे पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। इमरान खान के समर्थक राजधानी इस्लामाबाद सहित देश के अलग-अलग शहरों में आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। समर्थकों का सबसे ज्यादा गुस्सा पाकिस्तानी सेना पर निकल रहा है।
पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी विपक्षी नेता की गिरफ्तारी पर समर्थकों ने सीधे तौर पर सेना को निशाना बनाया है। पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान में बिना सेना की इजाजत के एक पत्ता भी नहीं हिलता। ऐसे में पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी दल के नेता और इमरान खान जैसी शख्सियत की गिरफ्तारी बिना सेना की मंजूरी के हो ही नहीं सकती।
खुद इमरान खान भी आरोप लगाते रहे हैं कि उनकी सरकार गिराने के पीछे तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का हाथ था। उन्होंने नए सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर भी शहबाज शरीफ की सरकार का साथ देने का आरोप लगाया था। इमरान का यह भी दावा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई उनकी हत्या की साजिश रच रही है।
इमरान खान से चिढ़ी क्यों है पाकिस्तानी सेना
2018 में जब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनें, तब पाकिस्तान के सभी विपक्षी दलों ने उन्हें सेना का पालतू करार दिया था। आज प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे शहबाज शरीफ, पूर्व प्रधानमंत्री और अब भगोड़े की जिंदगी जी रहे नवाज शरीफ, बिलावल भुट्टो जरदारी, आसिफ अली जरदारी समेत सभी नेताओं ने इमरान खान पर सेना की मदद से प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने का आरोप लगाया था।
आज वही इमरान खान सेना के आंखों का सबसे बड़ा कांटा बने हुए हैं। इमरान खान को जेल भेजने के पीछे सीधे तौर पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का हाथ बताया जा रहा है। मुनीर आर्मी चीफ बनने के बाद से ही इमरान खान से बदला लेने के फिराक में थे। इस बीच इमरान के सेना पर आरोपों की बौछार से मुनीर को मौका मिल गया।
रावलपिंडी के सैन्य मुख्यालय से इमरान खान को कई बार चेतावनी भी दी गई थी कि वे अपनी तकरीरों में सेना पर आरोप न लगाएं। ऐसे में सवाल उठता है कि आज पाकिस्तानी सेना के प्रमुख बने जनरल असीम मुनीर कौन हैं और उन्होंने इमरान खान को जेल क्यों भेजा।
इमरान खान और जनरल मुनीर की दुश्मनी की कहानी
जनरल असीम मुनीर आर्मी चीफ बनने से पहले पाकिस्तान की कुख्यात जासूसी एजेंसी, इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस (ISI) के सबसे कम समय तक सेवारत प्रमुख थे। उन्हें अक्टूबर 2018 में तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने आईएसआई प्रमुख नियुक्त किया था। लेकिन आठ महीने बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के जोर देने पर उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के साथ बदल दिया गया।
उस समय इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के संबंध काफी अच्छे थे। ऐसे में जनरल बाजवा इमरान खान की इच्छाओं को नजरअंदाज करने का जोखिम नहीं उठा सकते थे। आईएसआई प्रमुख के पद से असीम मुनीर को क्यों हटाया गया, इसको लेकर पाकिस्तानी सेना ने कोई आधिकारिक वक्तव्य नहीं दिया, लेकिन इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के पूर्व नेता अलीम खान का एक कथित ऑडियो क्लिप ने इस रहस्य का पर्दाफाश कर दिया।
इसमें उन्होंने दावा किया था कि असीम मुनीर ने आईएसआई चीफ रहते हुए इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था। इसलिए इमरान खान ने दबाव बनाकर उन्हें आईएसआई चीफ से हटा दिया था।