दीवार में कील ठोकी तो चले लाठी-डंडे, अब घर बेचने पर मजबूर; जानें पूरा मामला
इंदौर। दीवार में कील ठोकने की वजह से दो पक्षों में शुरू हुई लड़ाई पुलिस तक पहुंची. जब पुलिस की ओर से लंबे समय तक कोई कार्रवाई नहीं की गई तो एक पक्ष ने अपने मकान पर एक पोस्टर लगाकर इसका विरोध किया है. पोस्टर पर व्यक्ति ने खुद को पुराना जनसंघी बताया है और पोस्टर पर लिखा है कि वह बीजेपी द्वारा पोषित गुंडों की वजह से अपना मकान बेचना चाहता है. इस बैनर की वजह से यह मामला फिलहाल इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.
मामला इंदौर के परदेशीपुरा थाना क्षेत्र के क्लर्क कालोनी का है. यहां पर दो परिवारों में बीच एक मामूली सी बात को लेकर जमकर झगड़ा हुआ. दरअसल यहां पर सुशील यादव और उनके भतीजे चीकू यादव रहते हैं इन्ही के पड़ोस में थोड़ी ही दूर पर मुनमुन मिश्रा रहते हैं. दोनों ही पास में बने मंदिर में कई धार्मिक कार्यक्रम करवाते रहते हैं. कुछ वक्त पहले ही सुशील यादव और उनके भतीजे ने एक कार्यक्रम के दौरान अपनी ही दीवार में कील ठोक रहे थे.
पुलिस कार्रवाई पर खड़े किए सवाल
कील ठोकने की वजह से बाजू में रहने वाले मुनमुन मिश्रा की दीवार हिल रही थी. जिसके बाद दोनों पक्षों का इस मुद्दें पर विवाद शुरू हो गया. मामला इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई. दोनों पक्षों की ओर से पुलिस में मामला दर्ज भी कराया गया. जब लंबे वक्त तक पुलिस की ओर से पुख्ता कार्रवाई नहीं की गई तो मुनमुन मिश्रा ने अपने घर पर पोस्टर लगाकर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं. मुनमुन मिश्रा ने अपने घर पर बेचने के लिए पोस्टर लगाया है. हालांकि इस पोस्टर पर उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर सीधे सवाल खड़े न करते हुए राजनीति मुद्दा बनाया है.
राजनीति से जुड़ रहे तार
मुनमुन ने पोस्टर पर लिखा है कि वह बीजेपी के द्वारा पोषित गुंडों की वजह से मकान बेचना चाहते हैं. इतना ही नहीं उन्होंने इस पोस्टर पर खुद का नाम लिखने की जगह अपना नंबर देते हुए पुराने जनसंघी लिखा हुआ है. दरअसल मुनमुन मिश्रा का आरोप है कि उनके पड़ोसी सुशील यादव क्षेत्रीय विधायक रमेश मेंदोल के समर्थन पर हैं और इसलिए पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. जब मामला पुलिस के सामने आया तो पुलिस ने दोनों ही पक्षों को चेतावनी दी है कि अगर दोनों के बीच अब विवाद हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी और जेल भेजा जाएगा.