वेब सीरीज : एक कलाकार का जन्घन्य अपराध की दुनिया में कदम रखने की कहानी है ‘फर्जी’

मुंबई : कलाकारों की कलाकारी पर पूरी दुनिया फिदा है। लेकिन क्‍या हो, अगर कोई कलाकार अपनी कलाकारी से जघन्‍य अपराध की दुनिया में कदम रख दे। ‘द फैमिली मैन’ से ओटीटी की दुनिया में धमाल मचाने वाले राज और डीके की नई वेब सीरीज ‘FARZI’ इसी कलाकारी की कहानी है। एक आर्टिस्‍ट है सनी। उसके नाना जी की प्रिंटिंग प्रेस अब बंद होने की कगार पर है। वह इस बिजनस को बचाने के लिए फर्जी नोट छापने की तैयारी करता है। कलाकार है, इसलिए नकली नोट की उसकी कलाकारी असली के बेहद करीब है। लेकिन इससे पहले कि वह संभल पाता, वह अब नकली नोट कारोबार के बड़े सिंडिकेट का हिस्‍सा बन जाता है।

‘फर्जी’ वेब सीरीज की कहानी

शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) ‘फर्जी’ से वेब सीरीज की दुनिया में डेब्‍यू कर रहे हैं। वह सनी के लीड रोल में हैं। सनी को उसके पिता ने छोड़ दिया है। नाना ने ही उसे अपनाया है। सनी के दिल और दुनिया में इस दुनिया के ख‍िलाफ एक नाराजगी है, वह इसी के साथ बड़ा हुआ है। उसके सबसे अच्छे दोस्त फिरोज (भुवन अरोड़ा) और उसके नाना (अमोल पालेकर) के अलावा ऐसा कोई भी नहीं है, जिसे वह अपना मानता है। सनी अपने नानू के सदियों पुराने प्रिंटिंग ‘क्रांति’ के ठप हो रहे बिजनस में मदद करना चाहता है। हताशा के साथ शुरू हुए प्रयास में उसे जल्द ही एक आर्टिस्‍ट के तौर पर अपनी क्षमताओं का एहसास होता है। सनी अब ‘फर्जी’ नोट्स डिजाइन कर सकता है।

‘फर्जी’ वेब सीरीज रिव्‍यू

नकली नोट का गोरखधंधा, एक ऐसा अपराध है जिसे शायद ही कभी इस तरह फोकस कर पर्दे पर दिखाया गया है। शो के क्रिएटर और डायरेक्‍टर राज और डीके एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं, जिसमें रोमांच है, अपराध है और एक्‍शन भी है। नकली नोट बनाने की क्‍या जटिलताएं हैं, तकनीकी तौर पर यह कितना मुश्‍क‍िल है, छपाई के बाद इसे बांटने और देश की अर्थव्यवस्था में घुसपैठ करने तक, सीरीज में बड़े ही रोमांचक तरीके से इस खतरनाक खेल की बारीकियां दिखाई गई हैं। अच्‍छी बात यह है कि मेकर्स ने इस अपराध को ग्‍लोरिफाई यानी इसका महिमामंडन नहीं किया है। अपराध को अपराध की तरह दिखाया है। इस कारण हम यह देखकर दंग रह जाते हैं कि अपराधी कैसे इसका दुरुपयोग करते हैं।

वेब सीरीज में शाहिद कपूर और विजय सेतुपति जैसे स्‍टार्स के साथ केके मेनन जैसे दिग्‍गज एक्‍टर भी हैं। मेकर्स शो को वास्‍त‍विक दुनिया के करीब तो रखते हैं, लेकिन जब बड़े स्‍टार्स पर्दे पर हों तो इसका ट्रीटमेंट कहीं ना कहीं सिनेमाई हो ही जाता है। ऐसे में कई मौकों पर यह सीरीज थोड़ी अविश्वसनीय लगती है। खासकर तब, जब देश में इतने बड़े आर्थिक अपराध को अंजाम दिया जा रहा हो और उसे रोकने के लिए सिर्फ कुछ अच्‍छे लोग और एक महिला ही सारी जुगत करते हुए दिखते हैं।

‘फर्जी’ वेब सीरीज का ट्रेलर

‘फर्जी’ सीरीज में दिखाए गए अध‍िकतर किरदार बड़े ही जरूरी और महत्‍वपूर्ण हैं। अच्‍छी बात यह कि हर किरदार को पर्दे पर पूरा वक्‍त दिया गया है। इन किरदारों की अपनी कहानियां हैं, जो मूल कहानी के साथ चलती रहती हैं। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि आप हर किसी की व्‍यक्‍त‍िगत कहानी से कनेक्‍ट करें। अब जैसे, टास्क फोर्स के अधिकारी माइकल वेदनायगम (विजय सेतुपति) का किरदार है। यह पूरा ट्रैक ही बहुत मजबूर महसूस होता है। उनकी कहानी इस तेज-तर्रार थ्रिलर की स्‍पीड को धीमा कर देती है। कई बार ऐसा लगता है कि जब मेकर्स बड़े पर्दे से छोटे पर स्विच करते हैं, तो वे रनटाइम की आजादी में बह जाते हैं। ऐसे में एडिटिंग टेबल पर बैठकर स्‍क्रीनप्‍ले को थोड़ा और चुस्‍त किया जा सकता था। हालांकि, शो में लगातार कुछ न कुछ ऐसा घटित होता रहता है, जो दर्शक के तौर पर आपका रोमांच बनाए रखता है। शो के सिनेमैटोग्राफर पंकज कुमार ने वेब सीरीज होने के बावजूद इसे किसी फिल्‍म की तरह ट्रीट किया है। फिर चाहे आउटडोर लोकेशंस की बात ही क्‍यों ना हो, प्रोडक्‍शन पर खर्च दिखता है।

शाहिद कपूर बेहतरीन एक्‍टर हैं और उन्‍होंने यह बात एक बार फिर साबित की है। ‘कमीने’ फिल्‍म में उनका जो ‘अच्‍छे दिल वाला बुरा आदमी’ अवतार था, सनी का किरदार भी कुछ वैसा ही है। हम यह कह सकते हैं शाहिद अपनी पहली ओटीटी सीरीज में टॉप फॉर्म में हैं। उन्‍होंने बड़ी सहजता से सनी के किरदार को पर्दे पर उतारा है। ठीक यही बात विजय सेतुपति के लिए भी है। साउथ सिनेमा के इस दमदार एक्‍टर ने अफसर माइकल के किरदार में अपने ट्रेडमार्क अंदाज में जान डाल दी है। सीरीज में इन्‍हीं दोनों लीड एक्‍टर्स के बीच टकराव होता है। ऐसे में दोनों की दमदार एक्‍ट‍िंग दिल जीत लेती है।

सीरीज में केके मेनन नकली नोट के गोरखधंधे के किंगपिन मंसूर की भूमिका निभा रहे हैं। केके मेनन की खासियत रही है कि वह अपने किरदार की बारीकियों पर बहुत ध्‍यान रखते हैं। यहां भी ऐसा ही है। मंसूर तेजतर्रार है, उसकी ठाठ और मेट्रोसेक्सुअल ड्रेसिंग हो या कच्ची अंग्रेजी में गालियों का इस्तेमाल, केके मेनन ने हर अंदाज में रंग जमाया है। भुवन अरोड़ा ने सनी के बेस्‍ट फ्रेंड फिरोज के रूप में शानदार हैं। वह इस सीरीज में सरप्राइज पैकेज की तरह हैं। दिग्‍गज एक्‍टर अमोल पालेकर को पर्दे पर देखना सुकून देता है। एक ईमानदार पूर्व स्वतंत्रता सेनानी के रूप में उनका किरदार अभी भी देश के युवाओं में अपने अखबार ‘क्रांति’ से उम्मीद जगा रहा है। सीरीज की कहानी में अध‍िकतर किरदार पुरुषों के हैं। इसमें पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या बहुत कम है। लेकिन बावजूद इसके राशी खन्ना ने मेघा के रूप में प्रभाव छोड़ा हैं। वह यंग और स्‍मार्ट और प्रोफेशनल लगी हैं। ओटीटी और वेब सीरीज की तासीर के अनुरूप सीरीज में ढेर सारी गालियां हैं। डायलॉग्‍स आज के जमाने के हिसाब से हैं। इसलिए यंग ऑडियन्‍स को कनेक्‍ट करने में मुश्‍क‍िल नहीं होगी।

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