सेना के दबदबे वाली राजनीति में बदलाव की चाह, थाईलैंड में आज मतदान

बैंकाक : रविवार को थाईलैंड में आम चुनाव के लिए मतदान होगा। युवा मतदाता देश में सेना के प्रभाव वाली राजनीति में बदलाव के लिए वोट कर सकते हैं। मतदान सुबह 8 बजे शुरू होकर शाम पांच बजे तक चलेगा। 52 मिलियन मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। मतदाता 500 सदस्यों वाली प्रतिनिधि सभा के लिए वोट करेंगे। इनमें से 400 सीटों पर सीधे मतदान होगा, वहीं बाकी की 100 सीटें विभिन्न पार्टियों को उन्हें मिले वोट प्रतिशत के आधार पर वितरित की जाएंगी।
70 पार्टियां मैदान में
थाईलैंड के आम चुनाव में 70 पार्टियां अपनी किस्मत आजमा रही हैं। थाईलैंड की राजनीति पर सेना का प्रभाव है। दरअसल साल 2014 में थाईलैंड में सेना ने लोगों की चुनी हुई सरकार को हटाकर एक रूढिवादी पार्टी को सत्ता सौंप दी थी। उसके बाद से थाईलैंड की सत्ता पर सेना का दबदबा है। इन चुनाव में युवा मतदाता सैन्य दबदबे वाली सरकार में बदलाव के लिए वोट कर सकते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान वहां ये अहम मुद्दा रहा।
2020 में हुए थे सेना विरोधी प्रदर्शन
बता दें कि साल 2020 में बड़ी संख्या में युवाओं ने सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। ऐसे में उस विरोध प्रदर्शन के बाद हो रहे इन आम चुनाव में सत्ता में बदलाव की काफी उम्मीदें हैं। दो पार्टियां पॉपुलिस्ट फेउ थाई और प्रोग्रेसिव मूव फॉरवर्ड के बीच टक्कर दिख रही है। दोनों ही पार्टियों ने राजनीति से सेना के दबदबे को खत्म करने का वादा किया है।
फेउ थाई पार्टी की तरफ से 36 वर्षीय पेतोंगार्न शिनेवात्रा पीएम पद के उम्मीदवार हैं। वहीं राजशाही समर्थक पार्टी भी चुनाव मैदान में हैं। वहीं साल 2014 में सत्ता संभालने वाले प्रयुत चान ओचा देश के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले प्रधानमंत्री हो गए हैं। इस बार भी वह चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं।