विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा का आयोजन कल , विहिप नेता ने कहा “बस्तर में नक्सलवाद की समस्या के पीछे है चर्च”

रायपुर: राजधानी में विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा 19 मार्च रविवार को होने जा रही है। इससे ठीक पहले विश्व हिंदू परिषद के कुछ नेताओं और संतों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेश तिवारी, हिंदू जागरण यात्रा संयोजक चंद्रशेखर वर्मा, विश्व हिंदू परिषद के मंत्री विभूति भूषण पांडे मौजूद थे। 18 फरवरी को प्रदेशभर के अलग-अलग हिस्सों में संतों ने पद यात्राएं शुरू की थी। यह पदयात्रा अब रायपुर पहुंच चुकी है। इसी का समापन धर्म सभा के रूप में किया जा रहा है।

बस्तर के 400 से ज्यादा गांवों में बनाए गए हैं चर्च

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बस्तर में धर्मांतरण बढ़ने का दावा करते हुए विश्व हिंदू परिषद की इस यात्रा के संयोजक चंद्रशेखर वर्मा ने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद की समस्या के पीछे चर्च है। हम चर्चों और इनसे जुड़े हुए लोगों को ही वहां का मुख्य षड्यंत्रकारी मानते हैं। उन्हीं की वजह से यह सारी समस्याएं बनी हुई है। चंद्रशेखर वर्मा ने दावा किया कि 400 से ज्यादा गांवों में बस्तर में चर्च बनाए गए हैं।

बीते 10 सालों में यहां एक भी चर्च नहीं था और ना ही कोई इसाई व्यक्ति । मगर अब चर्च भी हैं और ईसाई लोग भी। दावा किया जाता है कि वहां कोई धर्मांतरण नहीं हुआ तो फिर ईसाई कहां से आए और चर्च कहां से आए, यह विचार करने योग्य विषय है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद संतों ने कहा कि देश में वही राज करेगा जो हिंदू राष्ट्र और हिंदू हित की बात करेगा। प्रदेश की परिस्थितियों पर संतों ने कहा कि सरगुजा और बस्तर में आदिवासी कन्याओं से दूसरे धर्म वर्ग दूसरे वर्ग के लोग शादियां कर रहे हैं। उनकी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। इस हालात पर प्रशासन गंभीर नहीं है।19 मार्च को होने वाली धर्म सभा में जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज शामिल होंगे। इनके अलावा देश के अलग-अलग मठों से दिग्गजों संत भी रायपुर पहुंच चुके हैं जो धर्म सभा में धर्मांतरण, भारतीय संस्कृति हिंदू राष्ट्र जैसे विषयों पर अपनी बात रखेंगे।

200000 हनुमान चालीसा बांटी गई

18 फरवरी से छत्तीसगढ़ में चल रही हिंदू जागरण यात्रा के दौरान दो लाख से ज्यादा हनुमान चालीसा बांटी गई। जगह-जगह धार्मिक कार्यक्रमों का प्रचार किया गया। इस यात्रा में खासतौर पर प्रदेश और अन्य राज्यों से आए संतों ने दलितों, आदिवासियों के घर जाकर उनसे मुलाकात की। उन्हीं के घर पर भोजन भी किया।

विश्व हिंदू परिषद ने इस यात्रा का मकसद बताया कि इस वर्ग के पास कई बार संत नहीं पहुंच पाते और इसका फायदा उठाकर फादर या पास्टर जैसे लोग इस वर्ग के पास पहुंचते हैं। उन्हें धर्मांतिरत कर न सिर्फ धर्म बदलते हैं, बल्कि देश विरोधी गतिविधियां भी संचालित करने का प्रयास किया जाता है। इसी पर रोक लगाने और विशेष वर्ग को जागरूक करने के मकसद से यह यात्रा की गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button