विधानसभा : वेतन विसंगति को लेकर गरमाया सदन, सत्ता पक्ष व विपक्ष में जवाब-सवाल को लेकर सदन में हुई तीखी बहस
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार को गहमागहमी के बीच प्रारंभ हुआ। सत्र के प्रारंभ में भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा और कांग्रेस विधायक अमितेष शुक्ल ने प्रश्नकाल के दौरान कई सवाल उठाए, जिसका जवाब संबंधित विभागों के मंत्रियों ने दिया। इस बीच दोनों पक्षों में जवाब-सवाल को लेकर सदन में तीखी बहस हुई।
शिवरतन ने सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति का मामला उठाया
शिवरतन शर्मा ने सदन में पूछा- सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति के लिए 3 सालों में शिक्षा विभाग द्वारा क्या-क्या किया गया? वेतन विसंगति दूर करने कब कौन सी समिति का गठन किया गया? उनके रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा क्या थी? मंत्री प्रेमसाय सिंह ने जवाब दिया और कहा- वेतन विसंगति दूर करने के संबंध में गठित समिति की बैठक 28 नवंबर 2022 को मंत्रालय में आयोजित की गई थी। बैठक में कई बिंदुओं पर जानकारी मंगाई गई है। समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा नहीं है। इस बीच वेतन विसंगति दूर करने को लेकर विधायक शिवरतन शर्मा और मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के बीच तीखी बहस हुई।
अमरजीत और शिवरतन के बीच तीखी बहस
इस बीच अमरजीत भगत और शिवरतन शर्मा के बीच सदन में तीखी बहस हुई। शिवरतन शर्मा ने कहा- मैं आपसे पहले विधायक बना हूं, मुझे प्रश्न करना मत सिखाइए। अमरजीत भगत ने कहा- प्रश्न करने की जगह भाषण दे रहे हैं।
प्रिंट और ऑनलाइन के जवाब में अंतर पर गरमाया सदन
प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में फिर असमंजस की स्थिति बनी। उन्होंने कहा, प्रिंट में जवाब अलग है और ऑनलाइन में अलग जवाब दिया गया। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा घोषणाओं पर कार्यवाही को लेकर विधायक धरमलाल कौशिक ने सवाल पूछा था, जिसमें उन्होंने प्रिंट और ऑनलाइन जवाब में अंतर पाया है। इस पर विपक्ष ने जमकर विरोध किया। आसंदी ने प्रश्न को सुरक्षित रखा और उत्तर सुधार के बाद फिर से लिए जाने की बात कही।
अमितेष ने आश्रम छात्रावासों में चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की मांगी जानकारी
कांग्रेस विधायक अमितेष शुक्ला ने आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित छात्रावास आश्रमों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नियमितीकरण के संदर्भ में जानकारी मांगी।
उन्होंने सदन में पूछा कि- 2023 तक गरियाबंद जिला में कितने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियमित किया गया है? मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जवाब देते हुए कहा कि, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 3–2023 तक प्रश्नवधि में नियमित नहीं किया गया है। विभागीय छात्रावास आश्रम में कार्यरत 90 दैनिक वेतन भोगी कलेक्टर दर कर्मचारियों को आकस्मिकता निधि स्थापना में नियमित वेतनमान की स्वीकृति प्रदान की गई है।