VIDEO : ‘सोच-विचार कर अपना नेता चुनें’, संघ प्रमुख का दशहरा रैली के दौरान नागरिकों से अनुरोध
मुंबई : महाराष्ट्र के नागपुर में विजयदशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) ने दशहरा रैली का आयोजन किया। इस मौके पर भारत के मशहूर गायक शंकर महादेवन मुख्य अतिथि के तौर कार्यक्रम में शामिल हुए। संघ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी पहुंचें।
मोहन भागवत ने विजयदशमी उत्सव कार्यक्रम में संघ के संस्थापक केबी हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी और शस्त्र पूजा भी किया। संघ प्रमुख ने इस कार्यक्रम में रैली को भी संबोधित किया, इस दौरान उनके साथ मुख्य अतिथि शंकर महादेवन भी मौजूद रहे।
मोहन भागवत ने किया राम मंदिर का जिक्र
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दशहरा रैली को संबोधित करते हुए राम मंदिर का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘आयोध्या में भगवान राम का मंदिर बन रहा है। 22 जनवरी को भगवान राम की स्थापना की जाएगी। उस दिन भी हम पूरे देश में अपने मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित करेंगे।’
#WATCH | Nagpur, Maharashtra: While addressing RSS Vijayadashmi Utsav, RSS Chief Mohan Bhagwat says, "…Elections are coming… Keep in mind that it is the duty of every citizen to vote. Everyone should do it. Think with a calm mind about who is good and who has done good… pic.twitter.com/XJjfXwakxi
— ANI (@ANI) October 24, 2023
उन्होंने बताया कि हर जगह भारत की मेहमाननवाजी की तारीफ की गई है। उन्होंने कहा, ‘हर साल दुनिया में भारत का गर्व बढ़ता जा रहा है। यहां जी20 शिखर सम्मेलन हुआ, जो की बहुत खास था। दूसरे देशों के लोगों ने भी हमारी विविधता का अनुभव किया है। इस दौरान उन्होंने हमारे कूटनीतिक कौशल के साथ-साथ हमारी ईमानदार सद्भावना को भी देखा।’
चुनाव को लेकर नागरिकों से खास अनुरोध
दशहरा रैली में चुनाव का जिक्र करते हुए संघ प्रमुख ने सभी नागरिकों से वोट डालने का आग्रह किया। उन्होंने सभी नागरिकों से वोट डालने से पहले अच्छे से सोच-विचार कर अपने नेता को चुनने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिकों को हर चीज का अनुभव है, तो उन्हें ही वोट देना चाहिए जो आपके लिए सर्वश्रेष्ठ हो।
मोहन भागवत ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी है, जो देश को आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते हैं। वे समाज में मतभेद और हिंसा फैलाने की कोशिश करते हैं। कभी कभी हम अपनी अज्ञानता और अविश्वास के कारण इसमें फंस जाते हैं और अनावश्यक शोर शराबा पैदा करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत आगे बढ़ता है तो वे अपना खेल नहीं खेल पाएंगे। इसलिए वे बार बार इसका विरोध करते हैं। वे केवल विरोध करने के लिए विभिन्न विचारधारा उत्पन्न करते हैं।