उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को भारतीय डाक और दूरसंचार लेखा एवं वित्त सेवा (IP&T AFS) के 50वें स्थापना दिवस पर संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने लोकतंत्र, अभिव्यक्ति और संवाद की अहमीयत पर जोर दिया। धनखड़ ने कहा कि अभिव्यक्ति और संवाद, लोकतंत्र की ताकत हैं। साथ ही कहा कि इंसान को अहंकार पर काबू करने की जरूरत है।
लोकतंत्र की जड़ें अभिव्यक्ति और संवाद में
उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र की जड़ें अभिव्यक्ति और संवाद में हैं। इनसे समाज और संस्थानों को मजबूती मिलती है। उन्होंने कहा, “अगर संवाद और अभिव्यक्ति खत्म हो जाएं, तो लोकतंत्र टिक नहीं सकता। इस कार्यक्रम में संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे। बता दें कि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी हैं। बीते कुछ दिनों से विपक्ष राज्यसभा सभापति को हटाने की मांग कर रहा है।
संस्थाओं के लिए जांच क्यों जरूरी?
धनखड़ ने कहा कि संस्थानों और व्यक्तियों में सेल्फ ऑडिट जरूर होना चाहिए। उन्होंने कहा, “किसी भी व्यक्ति या संस्था को जांच से परे रखना उसके पतन का संकेत है।” उन्होंने सेल्फ ऑडिट (Self-Audit) और पारदर्शिता को संस्थानों के विकास का आधार बताया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश एक नई औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ रहा है। डिजिटल तकनीक ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। इस मौके पर जगदीप धनखड़ ने कहा कि मौजूदा समय में सिविल सेवाओं को तकनीकी दक्षता में सुधार करने की सलाह दी।