वेदांता सिटी फेस-1 प्लाटिंग गड़बड़ी : विवादित जमीन पर कालोनाइजर ने किया प्लाटिंग, लेआउट में दर्शाकर रेरा में कर दिया सम्मिलित

नई लेआउट स्वीकृति में कई खसरो को किया शामिल, प्लाट का उपयोग फेस-2 के लिए रास्ता बनाने में किया उपयोग

रायपुर : राजधानी रायपुर में आवासीय कालोनी बनाने वाले वेदांता सिटी फेस -1 के कालोनाइजर की प्लाटिंग में हुए गड़बड़ी को लेकर खबरीराम. इन ने पिछले समाचार में शासकीय नाले की जमीन पर कालोनी के लिए गार्डन व शादी लान बना कर अवैध कब्ज़ा करने का खुलासा किया था |  वेदांता सिटी फेस -1 के कालोनाइजर के कारनामे लगातार बाहर आ रहे है जिसमे प्लाटिंग के दौरान कालोनाइजर ने कई अनियमित्ताओ को अंजाम देते हुए विभिन्न भूमि उपयोग सम्बंधित अनियमित्ताओ के साथ ही शासकीय संपत्ति का भी दुरुपयोग कर ग्राहकों के अधिकारों का हनन किया है| प्लाटिंग के इस मकडजाल पर शिकंजा कसने में नगर एवं ग्राम निवेश व रेरा के अधिकारी कालोनाइजर पर नकेल कसने में फिसड्डी साबित हुए और कालोनाइजर इनके नाक के नीचे गंभीर अनियमितताओ को अंजाम दे दिया है|

शासकीय नाले में बना दिया गार्डन/विवाह लॉन

वेदांता सिटी फेस -1 के कालोनाइजर ने आवासीय कालोनी में शासकीय नाले की जमीन खसरा क्रमांक 24 को गायब कर दिया है जो नाले की जमीन थी जिसे समतल कर वहाँ पर गार्डन/विवाह लॉन बना दिया गया है, जबकि यह शासकीय नाला है इसे लेआउट में छुपाया गया है, जबकि इस भूमि का रकबा 0.1540 हेक्टेयर है। (लेआउट स्वीकृति क्रमांक: 6824/PL/55/12/2013 दिनांक: 05/07/2013)

विवादित भूमि को प्लाटिंग में किया अवैध रूप से शामिल

वेदांता सिटी फेस -1 के कालोनाइजर ने आवासीय कालोनी में खसरा क्रमांक 9/11 जो वर्तमान में होमेश्वरी साहू के नाम दर्ज है, जबकि पूर्व भू-स्वामी मोहनलाल देवांगन थे इस भूमि पर नामांतरण का प्रकरण विचाराधीन है। इसके बावजूद इसे लेआउट में दर्शाया गया और रेरा में भी सम्मिलित किया गया।

फेस-1 विस्तार हेतु अतिरिक्त खसरों का उपयोग केवल रास्ता बनाने के लिए

वेदांता सिटी फेस -1 के कालोनाइजर ने आवासीय कालोनी में प्लाटिंग करने के दौरान कई अनियमित्ताओ को अंजाम दिया है जिसमे नई लेआउट स्वीकृति क्रमांक 13857 दिनांक 22/10/14 के अंतर्गत कई खसरा नंबरों को सम्मिलित किया गया, परंतु इन क्षेत्रों को पूर्ण रूप से विकसित नहीं किया गया और केवल आवासीय कालोनी के फेस-2 के लिए मार्ग निर्माण में प्रयोग किया गया।

जन आवास नियम के तहत क्या होगी कार्यवाही?

राज्य शासन ने जन आवास नियम 2025 का प्रारूप तैयार किया है जिसके तहत किसी भी बिल्डर या कालोनाइजर को प्लाटिंग की अनुमति तभी दी जायेगी जब वो पहले से ही यह तय करेगा कि प्लाटिंग के किस हिस्से में कौन सा निर्माण होगा इसके लिए बाउंड्रीवाल बनाकर वहां बोर्ड भी लगाना होगा, हर प्लाटिंग एरिया में सड़के भी एक समान होगी यानी सड़क की लम्बाई चौड़ाई भी पहले से तय होगी | मगर यहाँ सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस नियम में लागू होने से पहले जो कालोनाइजर प्लाटिंग कर अनियमितताओ को अंजाम दे चुके है उनके खिलाफ शासन क्या इसी नियम से कार्यवाही करेगी?

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