heml

आस्था का अनोखा रूप : दशको से रोड रोलर की पूजा कर रहे ग्रामीण, कई बार हुई हटाने की कोशिश, कोई डिगा तक नहीं पाया

पेंड्रा। आज से पवित्र सावन महीने की शुरुआत हो गई है ऐसे में जगह-जगह मंदिरों में लोग श्रद्धा- भक्ति भाव में डूबे नजर आ रहे हैं। इसी बीच पेंड्रा जिले में भक्ति का एक अनोखा रूप देखने को मिला। जिले के जिल्‍्दा में लोग रोड रोलर की शिवलिंग के रूप में पूजा करते हैं। यह रोड रोलर इलाके के लोगों के लिए प्रमुख आस्था का केंद्र है। लगभग 60 -70 वर्ष पहले चमत्कारिक रूप से यह रोड रोलर खेत में धस गया था तब से लोग इसकी पूजा करते आ रहे हैं।

दरअसल, गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले से दूरस्थ ग्राम जिल्दा और सैला के बीच बेलनटोला में एक बेलन ( रोडरोलर) के चक्‍के की लोग शिवलिंग मानकर पूजा- पाठ करते हैं। यह स्थान लोगों के आस्था का केंद्र है। ऐसा कहां जाता है कि कई वर्षों पहले सड़क निर्माण के दौरान यह रोड रोलर का चकका निकलकर आगे खेत में चला गया था। सड़क बनाने वाले कंपनी की कर्मचारियों के बहुत कोशिश करने के बाद भी जब इसे उसके स्थान से नहीं हिला।

रोड रोलर के चक्‍्के की होती है पूजा

यह चक्‍्का और धंसते गया। कई बार कोशिश की गई लेकिन हर बार कोशिश नाकाम रही है। लगभग 60 -70 वर्ष पहले इसे देखकर ग्रामीणों ने चमत्कार मान लिया और इस बेलन बाबा (रोड रोलर) के चकके का पूजा करना शुरू कर दिया। पूजा- पाठ के बाद जब इसे हिलाने की कोशिश किया गया तो भारी भरकम वजनदार यह चक्‍का हिलने लगा। देखते ही देखते यह बात अन्य लोगों तक पहुंची और वह लोग भी यहां आकर पूजा अर्चना करने लगे,हलांकि जिस जगह पर यह चक्का रखा हुआ है।

इसी स्थान से कुछ दूरी पर मातिन दाई का मंदिर भी है, लोग मंदिर में पूजा करने के बाद इस जगह पर भी आते हैं और इस जगह का पूजा- पाठ करते हैं। खेत के चबूतरे में रखे इस बेलन बाबा रोलर के चकका के ऊपर जय माता दी लिखा हुआ है। साथ ही झंडा भी लगाए हैं, लोग इसे दैविक शक्ति भी मानने लगे हैं। गांव की भाषा में रोड रोलर को बेलन कहते हैं इसलिए इस बेलन के नाम पर ही मोहल्ले का नाम भी बेलनटोला रखा गया है। आज भी लोग इस बेलन के चक्‍के का सच्ची श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button