जनहित में ट्रांसमिशन लाइन निर्माण का काम, इसके लिए जमीन मालिक की सहमति जरूरी नहीं : हाई कोर्ट

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने ट्रांसमिशन लाइन निर्माण को जनहित और राष्ट्रीय हित से जुड़ा कार्य बताते हुए महत्वपूर्ण निर्णय दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार के सार्वजनिक कार्यों के लिए जमीन मालिक की पूर्व अनुमति या सहमति आवश्यक नहीं है.

जनहित में ट्रांसमिशन लाइन निर्माण का काम  : हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने सुनवाई करते कहा कि- वह केवल मुआवजे का हकदार होता है. कोर्ट ने किसान की याचिका खारिज करते हुए ट्रांसमिशन लाइन निर्माण कार्य को जारी रखने का निर्देश दिया है.

क्या है पूरा मामला

यह मामला जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा ब्लाक के कोरबी गांव के रहने वाले किसान संजय कुमार अग्रवाल की 8.73 एकड़ कृषि भूमि से जुड़ा है. याचिकाकर्ता का आरोप था कि छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीटीसीएल) ने बिना किसी पूर्व सूचना और बिना सहमति के उसकी जमीन पर ट्रांसमिशन टावर निर्माण के लिए 16 बड़े गड्ढे खोद दिए. यह कार्य 11 मार्च 2024 के आदेश में निहित शर्तों का उल्लंघन कर किया गया.

इस पर किसान ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कार्य पर तत्काल रोक लगाने और भूमि को पूर्व स्थिति में बहाल करने की मांग की थी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि निर्माण कार्य किसान की सहमति के बिना किया गया, जो नियमों का उल्लंघन है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button