हाई कोर्ट के जस्टिस अरविंद चंदेल का पटना हाई कोर्ट तबादला, सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में की थी अनुशंसा

बिलासपुर। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में पांच जजों की कॉलेजियम ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल का पटना हाई कोर्ट तबादले की अनुशंसा की थी। केंद्र सरकार ने बुधवार को तबादला आदेश जारी कर दिया है।

सुप्रीमकोर्ट ने मार्च में मद्रास हाई कोर्ट तबादले का प्रस्ताव रखते हुए जस्टिस चंदेल से सहमति मांगी थी। जस्टिस चंदेल ने मद्रास हाई कोर्ट की जगह राजस्थान, एमपी, इलाहाबाद, पंजाब हरियाणा या दिल्ली हाई कोर्ट तबादले पर विचार करने का आग्रह किया था। कॉलेजियम ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुये पटना हाई कोर्ट के लिए स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया है।

उन्होंने मनमुताबिक स्थानांतरण करने का आग्रह किया था, जिसे कॉलेजियम ने ठुकरा दिया था और मद्रास हाईकोर्ट के बजाए पटना भेजने के लिए सहमति दी थी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में गठित 5 वरिष्ठ जजों की कॉलेजियम ने जस्टिस अरविंद चंदेल का तबादला करने के लिए उनसे सहमति मांगी थी। जिसके बाद चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने पहले मद्रास हाईकोर्ट तबादला करने का प्रस्ताव किया था।

हालांकि, कॉलेजियम ने उनकी जगह भरने के लिए अभी नए जज की नियुक्ति नहीं की है और न ही किसी जज का छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में तबादला किया है, जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अब एक जज की कमी हो जाएगी।


केंद्र सरकार ने जारी किया स्थानांतरण आदेश

केंद्र सरकार के विधि और विधायी विभाग के संयुक्त सचिव जगन्नाथ श्रीनिवासन ने बुधवार को ट्रांसफर आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि संविधान में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग कर राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश की सहमति के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जस्टिस अरविंद चंदेल का तबादला पटना हाई कोर्ट किया जाता है। आदेश में उन्हें अपना कार्यभार ग्रहण करने के लिए कहा गया है।

जस्टिस चंदेल को नहीं मिली इच्छानुसार पदस्थापना

जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल का तबादला करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने के पहले कॉलेजियम ने जस्टिस चंदेल से सहमति मांगी थी, जिस पर उन्होंने मध्यप्रदेश, राजस्थान, इलाहाबाद, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली हाई कोर्ट में करने का आग्रह किया था। इसे कॉलेजियम ने ठुकरा दिया।

हालांकि, कॉलेजियम ने पहले उन्हें मद्रास हाईकोर्ट भेजने का प्रस्ताव तैयार किया था। उनके आग्रह के बाद कॉलेजियम ने विकल्पों पर स्थानांतरण करने के बजाय उनकी परेशानियों को देखते हुए थोड़ी राहत दी और मद्रास हाई कोर्ट की जगह पटना हाई कोर्ट स्थानांतरण करने का प्रस्ताव भेजा था।

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