ताइपे: ताइवान ने अपनी पहली स्वदेशी पनडुब्बी को दुनिया के सामने पेश कर दिया है। गुरुवार को ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने इस पनडुब्बी की जमकर तारीफ की और कहा कि यह चीनी सेना के हमले के बढ़ते खतरे के बीच प्रतिरोधक क्षमता मुहैया कराएगी। ताइवान के काओहसिंग शहर में स्थित शिपयार्ड में आयोजित कार्यक्रम में इस डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन का अनावरण किया गया। इसका नाम ‘नारवॉल’ या ‘समुद्री राक्षस’ दिया गया है। ताइवानी राष्ट्रपति ने कहा कि यह सबमरीन देश की रक्षा की दिशा में ठोस प्रतिबद्धता को दिखाती है।
ताईवान की राष्ट्रपति ने कहा कि यह हमारी नौसेना के लिए भविष्य की तैयारियों के लिहाज से एक प्रमुख हथियार है। उन्होंने कहा कि पिछले कई साल से लोग यह सोचते थे कि पनडुब्बी बनाना हमारे लिए असंभव है लेकिन हमने यह कर दिखाया है। त्साई इंग वेन के लिए यह बेहद खास मौका इसलिए भी था क्योंकि साल 2016 में जब वह सत्ता में आई थीं, तब उन्होंने सबमरीन को बनाने का आदेश दिया था। अब जब वह सत्ता से हटने वाली हैं, यह पनडुब्बी बनकर तैयार हो गई है।
ताइवान का सबमरीन प्लान जानें
ताइवानी सेना के प्रमुखों ने भी उम्मीद जताई कि यह सबमरीन चीन को हमला करने से रोकने में बहुत कारगर साबित होगी। चीन का दावा है कि ताइवान उसका अभिन्न अंग है और अक्सर वह अपने फाइटर जेट और जंगी जहाज भेजकर धमकाता रहता है। ताइवान ने दुनिया को अपनी पनडुब्बी तो जरूर दिखाई लेकिन उसकी ताकत के बारे में सुरक्षा कारणों से खुलासा नहीं किया। इस कार्यक्रम में ताइवान के अंदर अमेरिका की डि फैक्टो राजदूत सांद्रा ओउडकिर्क भी शामिल हुईं।
इसके अलावा जापान और दक्षिण कोरिया के भी ‘राजदूत’ भी शामिल हुए। त्साई इंग वेन ने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सबमरीन प्रॉजेक्ट को प्राथमिकता में रखा था। बताया जा रहा है कि साल 2025 तक ताइवान के पास 3 पनडुब्बी हो जाएगी। ताइवान के पास पहले ही दो डच पनडुब्बी मौजूद हैं जिसे साल 1980 के दशक में शामिल किया गया था। ताइवान की योजना है कि कुल 8 स्वदेशी पनडुब्बियां अपनी नौसेना में शामिल की जाएं। ताइवानी विशेषज्ञों का कहना है कि यह पनडुब्बी चीन को ताइवान की चौतरफा घेरेबंदी करने से रोकने में काफी अहम भूमिका निभाएगी।