नक्सल पुनर्वास नीति में होगा बदलाव, आत्मसमर्पित नक्सलियों को मनचाहे गांव या शहर में मिलेगा आवास, सरकार देगी 10 लाख रुपये
रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार नक्सल पुनर्वास नीति में बदलाव करने जा रही है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार आत्मसमर्पितों को निवास के लिए मनचाहे शहर या गांव का विकल्प दिया जाएगा। मकान ऐसा होगा जिसमें उनका पूरा परिवार एक साथ रह सके। रोजगार के लिए कौशल विकास की योजनाएं चलाई जाएंगी। इसके तहत उन्हें प्रशिक्षण मिलेगा। स्वरोजगार चाहने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों को कम ब्याज पर लोन मिलेगा। इसके अलावा पुलिस उनके न्यायालयीन प्रकरणों को सुलझाने में भी मदद करेगी।
मौजूदा पुनर्वास के प्रावधान के अंतर्गत आत्मसमर्पितों को किराए का मकान दिया जाता है। पुनर्वास की राशि, उनके रोजगार, बच्चों की शिक्षा समेत अन्य सुविधाएं मिलती हैं, जिसमें देरी की शिकायतें हैं। अब कोई हत्या या लूट के आरोपी आत्मसमर्पित नक्सली पर कार्रवाई नहीं होगी। पुलिस उसके न्यायालयीन प्रकरणों को सुलझाने में मदद करेगी।
लोकसभा चुनाव के बाद लागू हो सकती है नीति
सीएम विष्णुदेव साय भी यह कहकर संकेत दे चुके हैं कि हमारी पुनर्वास नीति के कारण नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे हैं। हम देख रहे हैं कि इस नीति में और नया बेहतर हो सकता है, साथ ही नई पुनर्वास नीति लाने पर विचार किया जा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद राज्य सरकार संशोधित पुनर्वास नीति लागू कर सकती है।
चार महीने की विष्णुदेव सरकार में अब तक 112 नक्सली ढेर हुए हैं। तीन वर्ष के भीतर नक्सलियों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जिस रोडमैप को हरी झंडी दी है। उसे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा आगे बढ़ा रहे हैं। दावा है कि चार महीने के भीतर 375 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण किया है। 153 गिरफ्तार किए गए, नक्सल क्षेत्र में 28 सुरक्षा कैंप खुले, 143 आईडी बरामद किए गए हैं।