अंबिकापुर: दुष्कर्म के आरोप पर सात वर्ष जेल की सजा काटकर बाहर आए युवक से पचास हजार की मांग कर पीड़िता को पत्नी नहीं बनाने पर दोबारा दुष्कर्म के प्रकरण में फंसाने की धमकी दी गई। लगातार धमकियों से परेशान युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।आत्महत्या से पहले उसने सुसाइड नोट भी लिखा। हस्तलिपि विशेषज्ञ से जांच में मृतक द्वारा ही पत्र लिखने की पुष्टि हुई। स्वजन के बयान के आधार पर पुलिस ने आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप पर दो महिला सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया है।
मृतक ने प्रताड़ित करने वालो का लिखा था सुसाइड नोट में नाम
मामला बलरामपुर जिले के रघुनाथनगर थाना क्षेत्र के ग्राम शंकरपुर का है। यहां रहने वाले सुनील कुमार खैरबार ने बीते 12 मार्च 2023 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।इस घटना की शिकायत मृतक के भाई ने थाने में दी थी। शव पंचनामा के दौरान मृतक के पास से सुसाइड नोट बरामद किया गया था। इसमें आत्महत्या करने का कारण और प्रताड़ित करने वालों का नाम लिखा हुआ था।
मामले को गंभीरता से लेते हुये पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने प्रकरण की बारीकी से जांच की गई थी। सबसे पहले यह जानना जरूरी था कि सुसाइड नोट मृतक ने ही लिखा है या किसी ने साजिश रची है। मृतक की हस्तलिपि की जांच कराने का निर्णय लिया गया। पुलिस अनुविभागीय अधिकारी अभिषेक कुमार झा के मार्गदर्शन में निरीक्षक बाजीलाल सिंह के नेतृत्व में मृतक के शव के पास से मिले सुसाइड नोट का परीक्षण राजकीय प्रश्नापद प्रलेख अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय रायपुर से कराया गया जिसमें मृतक का हस्तलिपि होने की पुष्टि हुई।
आरोपियों ने मृतक के खिलाफ अपहरण,दुष्कर्म का लगाया था आरोप
इसके बाद पुलिस ने मृतक के स्वजन एवं गवाहों के बयान लिए। इसमें आरोपित सहदेव सिंह (60), धनपतिया पति सहदेव सिंह गोड (30),रामफल पोया (59) के साथ एक अन्य युवती का नाम सामने आया। ये सभी शंकरपुर के ही रहने वाले है। जांच में पता चला कि आरोपितों द्वारा मृतक को प्रताड़ित किया जाता था। आरोपित युवती द्वारा वर्ष 2015 में मृतक के विरुद्ध अपहरण,दुष्कर्म तथा लैंगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 341,363, 366(क), 376, 506 एवं 05 (3) 06 पाक्सो एक्ट की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
50 हजार रुपये की मांग कर मृतक को किया जा रहा था प्रताड़ित
सजा होने पर लगभग सात वर्ष की सजा भुगत कर जेल से छूटकर मृतक घर आया था। आरोपितों द्वारा मृतक पर लगातार दबाब बनाया जा रहा था कि वह रिपोर्टकर्ता युवती को पत्नी बनाकर रखे। साथ ही 50 हजार रुपये की मांग कर प्रताड़ित किया जा रहा था।
दोनों मांग पूरी नहीं करने पर झूठे केस में फिर से परिवार सहित जेल भेज देने की धमकी दी जा रही थी जिससे तंग आकर मृतक द्वारा सुसाइड नोट लिखकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई थी। चारों आरोपितों के विरुद्ध धारा 306,34 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना करते हुए आत्महत्या के लिये दुष्प्रेरित करने के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया। कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक बाजीलाल सिंह, उप निरीक्षक रामसाय भगत, प्रधान आरक्षक नरेन्द्र तिर्की, उमेशचन्द्र यादव,आरक्षक मनोज कुमार गुप्ता का सक्रिय योगदान रहा।।