सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को ठहराया सही, कहा सहायक शिक्षक के लिए डीएलएड डिप्लोमाधारी ही योग्य

बिलासपुर : सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ बीएड डिग्रीधारकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बच्चों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ भेदभाव नहीं करेंगे। इस महत्वपूर्ण टिप्पणी के साथ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पूर्व के फैसले को सही ठहराया।

सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश राज्य शासन को दिया है। ध्यान रहे कि हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब असिस्टेंट टीचर की भर्ती में बीएड पास उम्मीदवारों की दावेदारी खत्म हो गई है। ज्ञात हो कि डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी विकास सिंह, युवराज सिंह सहित अन्य ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। इसमें बताया था कि 4 मई 2023 को सहायक शिक्षकों के तकरीबन 6500 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। 10 जून को परीक्षा हुई थी। इसमें बीएड और डीएलएड प्रशिक्षित दोनों अभ्यर्थी शामिल हुए थे। याचिका में बताया गया है कि प्राइमरी स्कूल में अध्यापन के लिए डीएलएड पाठ्यक्रम में विशेष ट्रेनिंग दी जाती है, जबकि बीएड पाठ्यक्रम में उच्चतर कक्षाओं में पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाता है।

भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने को नियम विरुद्ध माना

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि प्राथमिक स्कूल के बच्चों के लिए डीएलएड डिप्लोमाधारी ही योग्य हैं। हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों के अध्ययन अध्यापन के लिए बीएड डिग्रीधारकों का चयन किया जाता है। मामले की सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में बीएड डिग्रीधारकों को सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने को नियम विरुद्ध माना है। इस टिप्पणी के साथ ही प्राइमरी स्कूल में पदस्थ बीएड डिग्रीधारक शिक्षकों की नियुक्तियों को निरस्त कर दिया गया है। कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर संशोधित चयन सूची जारी करने का निर्देश दिया है। आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा है कि संशोधित चयन सूची में बीएलएड पास उम्मीदवारों को समुचित अवसर दिया जाए।

जिनकी ज्वाइनिंग हो चुकी उनकी नियुक्ति भी निरस्त

ज्ञात हो कि हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच ने बीएड अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग और अंतिम चयन सूची पर अंतरिम रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने फैसले में बीएड पास उम्मीदवारों की दावेदारी खत्म कर दी है। डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया है कि प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों के लिए केवल डीएलएड पास उम्मीदवार ही मान्य होंगे। कोर्ट ने यह भी कहा है कि बीएड पास असिस्टेंट टीचर जिनकी ज्वाइनिंग हो चुकी है, उनकी नियुक्ति राज्य सरकार निरस्त करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button