साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण और पहला चंद्र ग्रहण लग चुका है। वहीं, अब पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर, शनिवार को लगेगा। इस दिन सूर्य ग्रहण सुबह 08:34 बजे शुरू होगा और 02:25 बजे समाप्त होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस कारण भारत में कोई सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, कनाडा, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, अर्जेंटीना, कोलंबिया, क्यूबा, बारबाडोस, पेरू, उरुग्वे, एंटीगुआ और अन्य देशों में देखा जा सकेगा।
2023 के दूसरे सूर्य ग्रहण का सूतक काल
चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए भारत में कोई सूतक काल नहीं होगा। सूतक काल वह समय होता है, जब किसी भी प्रकार की पूजा नहीं करनी चाहिए और ना ही भगवान की मूर्तियों को नहीं छूना चाहिए। विशेष कार्य जैसे- विवाह या पूजा आदि नहीं किए जाते हैं। ग्रहण के दौरान बहुत से लोग कुछ भी नहीं खाते-पीते हैं।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर में ही रहना चाहिए। माना जाता है कि यह बच्चे पर अशुभ प्रभाव डाल सकता है। जब ग्रहण दिखाई देता है, तभी सूतक काल मान्य होता है। लेकिन साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए किसी भी कार्य को करने पर रोक नहीं है।
सूर्य ग्रहण का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण और चंद्रग्रहण जैसी घटना को महत्वपूर्ण माना जाता है। जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, तो सूर्य ग्रहण होता है। जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता। हम इसे सूर्य ग्रहण के रूप में देखते हैं। ऐसा तब होता है, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक ही रेखा पर होते हैं।
सूर्य ग्रहण की घटना में चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। यदि चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है, तो इसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहा जाता है। यदि यह केवल एक भाग को कवर करता है, तो इसे आंशिक ग्रहण कहा जाता है। साल का दूसरा सूर्यग्रहण एक वलयाकार ग्रहण होगा, जिसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाएगा और सूर्य का बाहरी हिस्सा कंगन जैसा दिखाई देगा।