‘राजा तो स‍िर्फ महाकाल हैं…’, CM बनते ही मोहन यादव ने तोड़ा उज्‍जैन का सबसे बड़ा म‍िथक

उज्जैन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने के बाद से ही डॉ. मोहन यादव ने काम शुरू कर दिया है। शनिवार रात को सीएम मोहन अपने घर और महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंचे, यहां उन्होंने रातभर विश्राम किया। इसी के साथ सीएम मोहन यादव ने उज्जैन से जुड़े एक बड़े मिथक को तोड़ दिया है। ऐसा माना जाता है कि मध्य प्रदेश का कोई सीएम रातभर उज्जैन में विश्राम नहीं कर सकता है, क्योंकि उज्जैन के राजा महाकाल हैं और कोई दूसरा वहां राजा बन कर नहीं रह सकता। ऐसे में सीएम मोहन यादव ने उज्जैन में रात गुजार कर इस मिथक को तोड़ दिया है। इस मिथक को सीएम मोहन ने राजनीतिक रणनीति का हिस्सा बताया है।

मिथक सिंधिया परिवार की रणनीति का हिस्सा
सीएम डॉ. मोहन यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि महाकाल की नगरी उज्जैन में कोई सीएम नहीं रुक सकता है। ये सब सिंधिया परिवार के द्वारा बनाया गया राजनीतिक रणनीति का हिस्सा था। उन्होंने आगे कहा कि सिंधिया परिवार ने प्रदेश की राजधानी को उज्जैन से ग्वालियर ले जाने के लिए ये राजनीति रची थी। महाराज सिंधिया ने मिथक मंत्र फूंका कि कोई भी राजा उज्जैन नहीं रुक सकता है। संयोगवश, जाने-अनजाने में उज्जैन में एक घटना हुई, जिसे महराज सिंधिया ने राजनीतिक घटना बना दिया। इसके बाद राजधानी को यहां से ग्वालियर ले गए और ये कह गए कि उज्जैन में कोई राजा नहीं रुकेगा।

बाबा मेरे पिता हैं और मैं उनका सेवक: सीएम
इसके साथ ही सीएम ने ये भी कहा कि राजा तो सिर्फ महाकाल हैं, हम सब तो उनके बेटे हैं और इस बार इस मिथक को तोड़ने के लिए बाबा महाकाल ने उज्जैन से सीएम दिया है। अब मेरे सीएम बनते ही ये मिथक भी आज टूट जाएगा। बाबा तो जन्म देने वाले हैं, बाबा महाकाल की कोई सीमा उज्जैन नगर निगम तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे ब्रह्मांड में है। अगर उन्होंने एक बार आंखें टेढ़ी कर ली तो उनसे कौन बच सकता है। बाबा मेरे पिता हैं और मैं उनका सेवक हूं।

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