ट्यूशन पढ़ाना कानूनी अपराध! सरकारी शिक्षक के खिलाफ कलकत्ता HC ने दिया कार्रवाई का आदेश

कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य के सरकारी और सरकार समर्थित स्कूलों के शिक्षकों का निजी ट्यूशनबिल्कुल भी मान्य नहीं है. अदालत ने बोर्ड और संबंधित स्कूल अधिकारियों को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में निजी ट्यूशन में शामिल स्कूल शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया.

कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने शुक्रवार को आदेश दिया कि यदि कार्रवाई नहीं की गई तो संबंधित स्कूल प्राधिकरण के खिलाफ अदालत कार्रवाई करेगी.

सरकारी शिक्षकों का प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाना अपराध
मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने निजी शिक्षक कल्याण संघ द्वारा दायर एक जनहित याचिका में यह आदेश दिया. बता दें कि उच्च न्यायालय ने पहले आदेश दिया था कि सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों की निजी ट्यूशन अवैध है.

शुक्रवार को कोर्ट ने एक बार फिर व्यावहारिक रूप से पुराना आदेश को दोहराया. इस दिन प्राइवेट ट्यूटर वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से वकील एकरामुल बारी ने कोर्ट को बताया कि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 2018 में जारी नियमों के अनुसार बोर्ड के अधीन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों की निजी ट्यूशन पूरी तरह से निषिद्ध है.

वकील ने कहा कि लेकिन असल में कुछ स्कूलों के शिक्षक परीक्षा में कम नंबर आने की धमकी देकर छात्रों को निजी ट्यूशन लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं. यहां तक ​​कि कई विभिन्न निजी संस्थानों में पढ़ा रहे हैं. यह कानूनी अपराध है.”

सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने हाईकोर्ट के आदेश को सराहा
अदालत के आदेश के संदर्भ में जादवपुर विद्यापीठ के प्रधान शिक्षक पार्थप्रतिम वैद्य ने कहा, “स्कूली शिक्षकों के लिए आचार संहिता स्पष्ट रूप से कहती है कि ट्यूशन नहीं किया जा सकता है. यह एक वेक-अप कॉल है.”

बेथून कॉलेजिएट स्कूल की प्रधानाध्यापिका शबरी भट्टाचार्य इससे सहमत हैं. उन्होंने कहा, “नैतिक रूप से, मुझे लगता है कि स्कूल के शिक्षकों को ट्यूशन नहीं देना चाहिए. एक स्कूल शिक्षक का पहला प्रयास होगा कि वह जिस स्कूल में पढ़ा रहा है, उसके बच्चों को तैयार करे.”

उन्होंने कहा,” व्यक्तिगत रूप से मैं नैतिक रूप से शिक्षकों को ट्यूशन देने का समर्थन नहीं करती हूं. कम से कम जब तक वह नौकरी पर है. हालांकि, मेरे स्कूल की लड़कियां किसी ऐसे व्यक्ति के अधीन पढ़ सकती हैं जो स्कूल शिक्षक नहीं है, जिसे मैं एक शिक्षक के रूप में नहीं कह सकती हूं.”

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