TA Bill Scam: BEO का फर्ज़ीवाड़ा: फर्जी तरीके से टीए बिल तैयार कर राशि हड़पी!

TA Bill Scam: बिलासपुर। एशिया के सबसे बड़े ब्लॉक बिल्हा के विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय की कार्य प्रणाली को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं और नए जिला शिक्षा अधिकारी के आने के बाद अब इन मामलों की जांच भी शुरू हो गई है जिसे लेकर रोज़ नए खुलासे हो रहे हैं। फिर चाहे मामला 300 से अधिक सर्विस बुक गुम जाने का हो या फिर फर्जी तरीके से मेडिकल बिल आहरण का, लेकिन अब जो मामला निकाल कर सामने आया है वह चौका देने वाला है। क्योंकि इस मामले में स्वयं विकासखंड शिक्षा अधिकारी सुनीता ध्रुव पर फर्जी तरीके से टीए यानी यात्रा बिल के जरिए गलत तरीके से राशि वसूलने का आरोप लगा है। मामले की शिकायत 23 अप्रैल को जिला शिक्षा अधिकारी से हुई है और उसके बाद 25 अप्रैल को जिला शिक्षा अधिकारी अनिल तिवारी ने राजेंद्र नगर स्कूल के प्राचार्य एम एल पटेल और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सहायक ग्रेड 2 विजय तिवारी की जांच टीम गठित कर मामले की सूक्ष्मता से जांच करने के निर्देश दे दिए हैं । मिली जानकारी के अनुसार जो आरोप प्रमुख रूप से लगे हैं उसमें श्रीमती सुनीता ध्रुव द्वारा प्रस्तुत बिल पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से आपत्ति किए जाने के बावजूद बिल का आहरण करना , कार्यालय से एक ही स्थान की दूरी बिल तैयार करते समय अलग-अलग दर्शाना, चुनिंदा संकुल समन्वयक को अलग से राशि प्रदान करना और रायपुर यात्रा स्कूटी से करना दर्शाते हुए बिल पेश करना जैसे गंभीर आरोप लगे है। अब देखना होगा की जांच टीम मामले की जांच करके अपने रिपोर्ट में क्या खुलासा करती है।

डीईओ को मिली थी इस तरह की शिकायत

TA Bill Scam: डीईओ को भेजी गई शिकायत में लिखा है कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी बिल्हा द्वारा मार्च 2025 में यात्रा भत्ता के रूप में 72480 रुपए का भुगतान प्राप्त किया गया है। (बिल की प्रतिलिपी संलग्न) उपरोक्त के संबंध में ज्ञात हो कि आहरित राशि शासकीय नियमानुसार प्राप्त नहीं की गई है और इसके लिए विभागीय नियमों की अनदेखी की गई है जिसकी जांच की मांग शिकायतकर्ता ने की है।

TA Bill Scam:  1. विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा बनाए गए टीए बिल को जिला शिक्षा अधिकारी से स्वीकृत कराना अनिवार्य है और उसके बाद ही राशि का भुगतान किया जा सकता है इन नियमों को अभिक्रमित करते हुए बिना जिला शिक्षा अधिकारी से टीए बिल को स्वीकृत कराए ट्रेज़री कार्यालय से मिलीभगत कर राशि का आहरण कर लिया गया है जो कि नियम विरुद्ध है। उक्त बिल में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आपत्ति भी लगाया गया था जिसकी अनदेखी कर बिल आहरित किया गया है।

2. टीए बिल तैयार करते समय अलग-अलग समय में एक ही कार्यालय की दूरी विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से अलग-अलग दर्शाकर राशि आहरित की गई है। यही नहीं राज्य कार्यालय रायपुर के लिए आवागमन का साधन अपने निजी स्कूटी को बताया गया है और उसी के आधार पर बिल आहरित किया गया है जो की प्रथम दृष्टया ही संदेहजनक है। यात्रा भत्ता के संबंध में विभागीय प्रावधान है कि यात्रा भत्ता का भुगतान करते समय सबसे कम दर के साधन और सबसे कम दूरी के रास्ते के हिसाब से भुगतान किया जाता है बावजूद इसके नियमों की अनदेखी कर बिल तैयार कर आहरित किया गया है।

3. यही नहीं संकुल समन्वयक को यात्रा भत्ता दिए जाने के संबंध में प्रावधान है कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत आने वाली राशि के जरिए इसका भुगतान किया जाता है उसके बावजूद ब्लॉक के केवल चिन्हित 7 संकुल समन्वयक को बिल्हा कार्यालय द्वारा राशि जारी की गई है जो कि पूर्णतया गलत है।

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