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सरगुजा सभाग की सभी 14 सीटें जितने से मंत्री पद के लिए मजबूत दावा

अंबिकापुर : छत्तीसगढ़ में भाजपा का पांच वर्ष का वनवास खत्म हो गया है। भाजपा ने छत्तीसगढ़ में फिर से सत्ता हासिल कर ली है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सत्ता वापसी में सरगुजा संभाग ने पूरा साथ दिया है।प्रदेश में सरगुजा ही एकमात्र ऐसा संभाग हैं जहां की सभी 14 सीटों पर भाजपा ने एकतरफा जीत दर्ज की है इस लिहाज से छत्तीसगढ़ की सत्ता में सरगुजा संभाग को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलने की चर्चाएं भी शुरु हो गई है। विधायक दल की सोमवार को प्रस्तावित बैठक स्थगित हो जाने के बाद भी सभी भाजपा विधायकों को रायपुर में ही रुकने को कहा गया है। अगला मुख्यमंत्री जो भी बनेगा लेकिन छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में मंत्री पद को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। सरगुजा संभाग से भाजपा के दिग्गजों ने चुनाव जीता है। जिन्हें पहली बार चुनाव मैदान में उतारा गया है उनमें से भी कई ने कांग्रेस के दिग्गजों को पराजित किया है।ऐसे में दावेदार कई हैं लेकिन मंत्री पद की संख्या सीमित है।

छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में वरिष्ठता और अनुभव की बात की जाए तो रामानुजगंज विधायक रामविचार नेताम, भरतपुर-सोनहत विधायक रेणुका सिंह, कुनकुरी विधायक विष्णुदेव साय, पत्थलगांव विधायक गोमती साय , बैकुण्ठपुर विधायक भैयालाल राजवाड़े के नाम प्रमुख है। रेणुका सिंह वर्तमान में मोदी मंत्रिमंडल की भी सदस्य है। विष्णुदेव साय भी केंद्र में मंत्री रह चुकी हैं। गोमती साय रायगढ़ लोकसभा की सदस्य हैं। नेताम,भैयालाल व रेणुका पूर्व में भी छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री पद संभाल चुके हैं।

युवा व नए चेहरों की बात करें तो अंबिकापुर के राजेश अग्रवाल का भी किस्मत खुल सकता है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री व कांग्रेस के कद्दावर मंत्री टीएस सिंहदेव को पराजित किया है। सीतापुर से विधायक रामकुमार टोप्पो ने कांग्रेस के अभेद्य किले को ध्वस्त किया है। चार बार के विधायक अमरजीत भगत को पराजित कर वे विधानसभा में पहुंचे हैं। उन्हे राष्ट्र्पति का वीरता पुरस्कार मिला है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तथा गृह मंत्री अमित शाह से उन्हें अदम्य साहस का वीरता पुरस्कार मिला है।

सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली भाजपा की ओर से इस बार कई महिलाओं को भी टिकट दी गई थी। ये सभी चुनाव जीतकर आई है। मंत्रिमंडल में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के आधार पर सरगुजा संभाग से कई दावेदार हो हैं। इनमें सामरी विधानसभा से विधायक उद्धेश्वरी पैकरा, प्रतापपुर से शकुंतला सिंह, भटगांव से लक्ष्मी राजवाड़े,जशपुर से रायमुनी भगत शामिल है। भटगांव की लक्ष्मी राजवाड़े ने तो संभाग की सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस के दो बार के विधायक व संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े को पराजित किया है।सरगुजा संभाग से मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए भाजपा के कई दावेदार सरगुजा संभाग से है। सभी को मंत्री पद भले न मिले लेकिन निगम,मंडल सहित अन्य महत्तपूर्ण पदों पर बड़ी जबाबदारी मिलना तय माना जा रहा है।

प्रबोध मिंज भी मजबूत दावेदार

इन सभी के अलावा प्रबोध मिंज भी एक मजबूत दावेदार हो सकते हैं। ईसाई समाज से भाजपा के वे एकमात्र विधायक है। मतांतरित लोगों को आदिवासी की सूची से पृथक करने की जनजाति गौरव समाज की मांग का भाजपा भी समर्थन करती रही है। ऐसे में प्रबोध मिंज को मंत्री पद की जबाबदारी देकर भाजपा नया दांव भी खेल सकती है। सिविल इंजीनियर प्रबोध मिंज दो बार अंबिकापुर नगर निगम के महापौर भी है।

रायपुर में जमे हैं सभी नवनिर्वाचित विधायक

सरगुजा संभाग के सभी नवनिर्वाचित विधायक रायपुर पहुंच चुके हैं। रविवार देर शाम परिणाम की घोषणा के बाद सभी ने प्रमाण पत्र प्राप्त किया। अपनी सुविधा के अनुसार देर रात और सोमवार भोर में सभी रायपुर के लिए निकल गए। सोमवार को ही रायपुर में विधायक दल की बैठक होने वाली थी लेकिन यह बैठक की स्थगित कर दी गई। विधायक दल की बैठक में ही मुख्यमंत्री के नाम का भी चयन किया जाना है। रायपुर बुलावे के कारण स्थानीय स्तर पर नवनिर्वाचित विधायकों ने अपने क्षेत्र के मतदाताओं से अभी मुलाकात भी नहीं की है। विजय जुलूस भी नहीं निकाल सके हैं। अंबिकापुर के नवनिर्वाचित विधायक राजेश अग्रवाल ने रविवार रात को प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद भाजपा कार्यालय में पदाधिकारी,कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। अंबिकापुर के विभिन्न स्थानों के अलावा लखनपुर में उनका आतिशी स्वागत किया गया।

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