महादेव सट्‌टा घोटाला मामले में शेयर ब्रोकर गोविंद केडिया को नहीं मिली बेल, हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के चर्चित महादेव सट्टा घोटाला मामले में आरोपित शेयर ब्रोकर गोविंद केडिया को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की एकलपीठ ने मंगलवार को गोविंद केडिया की जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया.

महादेव सट्‌टा घोटाला मामले में गोविंद केडिया को नहीं मिली बेल

याचिकाकर्ता गोविंद केडिया ने अपने अधिवक्ता किशोर भादुड़ी के माध्यम से जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी. इस पर 24 जुलाई 2025 को सुनवाई हुई थी, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिवक्ता सौरभ कुमार पांडे ने जोरदार विरोध दर्ज कराते हुए केडिया की भूमिका को घोटाले का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया था. सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो मंगलवार को सुनाया गया. केडिया की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि उसे झूठे आरोपों में फंसाया गया है और जांच में सहयोग कर रहा है. मगर ईडी के ठोस तर्कों और साक्ष्यों के आधार पर हाई कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी.

विकास छापरिया के नजदीकी हैं गोविंद केडिया

ईडी के अनुसार, गोविंद केडिया महादेव सट्टा एप के प्रमोटरों में से एक है और मामले के मुख्य आरोपित विकास छापरिया से उसका सीधा संबंध है. ईडी की दलील थी कि केडिया ने सट्टा एप के जरिये काले धन को वैध बनाने में अहम भूमिका निभाई है. 7 दिसंबर 2024 को ईडी ने केडिया को रायपुर स्थित विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश किया था, जहां से उसे रिमांड पर भेजा गया था. जांच एजेंसी का कहना है कि केडिया आर्थिक लेन-देन और हवाला नेटवर्क के माध्यम से घोटाले की रकम को घुमाने का काम करता था.

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