ब्राजील में जी20 सम्‍मेलन में रूस के राष्‍ट्रपति पुतिन नहीं होंगे गिरफ्तार… लूला ने किस ओर किया इशारा

मास्‍को: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले जी20 सम्‍मेलन की कमान रविवार को ब्राजील को सौंप दी। अब अगला यानी 19वां शिखर सम्‍मेलन ब्राजील के रियो डि जिनेरियो में आयोजित होगा। इस सम्‍मेलन से रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन दूर ही रहे। अब ब्राजील के राष्‍ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने पुतिन को भरोसा दिलाया है कि अगर वह रियो आते हैं तो उन्‍हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। पुतिन के खिलाफ अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट (आईसीसी) की तरफ से गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है।

क्‍यों जारी हुआ है वारंट

भारत में जी20 शिखर सम्मेलन में पुतिन नए आएंगे यह बात सबको मालूम थी। दुनिया भर के नेता दो दिनों तक चलने वाले शिखर सम्‍मेलन के लिए भारत की राजधानी नई दिल्‍ली में इकट्ठा थे। पुतिन ने दक्षिण अफ्रीका में हुए ब्रिक्‍स सम्‍मेलन से भी दूरी बनाई हुई थी। उस समय कहा गया था कि पुतिन इस बात को लेकर आशंकित हैं कि अगर वह ब्रिक्‍स सम्‍मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका जाते हैं जो देश को पुतिन की गिरफ्तारी के लिए मजबूर किया जा सकता है। आईसीसी ने इस साल मार्च में पुतिन के खिलाफ यूक्रेनी बच्चों को गैरकानूनी तरीके से निर्वासित करने के आरोप में वारंट जारी किया था। इसे एक युद्ध अपराध घोषित किया गया है।

लूला बोले, पुतिन का स्‍वागत

क्रेमलिन इस बात पर जोर देता है कि पुतिन के खिलाफ वारंट ‘अमान्य’ है। ब्राजील आईसीसी का सदस्‍य है लेकिन लूला ने वेबसाइट फर्स्टपोस्ट से बात करते हुए पुतिन को भरोसा दिलाया है। लूला ने कहा कि पुतिन को अगले साल रियो डी जनेरियो में होने वाले कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा। लूला ने कहा, ‘हम शांति के समर्थक हैं और लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करना पसंद करते हैं। इसलिए मेरा मानना है कि पुतिन आसानी से ब्राजील जा सकते हैं।’ उन्‍होंने आगे कहा, ‘अगर मैं ब्राजील का राष्ट्रपति हूं और अगर वह ब्राजील आते हैं, तो ऐसा कोई रास्ता नहीं है कि उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।’

रूस की निंदा न करने वाला घोषणा पत्र

लूला ने यह भी कहा कि वह अगले साल रूस में ब्रिक्स विकासशील देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। भारत में जी20 शिखर सम्मेलन यूक्रेन में संघर्ष को लेकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच बिगड़ते संबंधों के बीच हो रहा है। इसके कारण पिछले साल बाली में हुए शिखर सम्मेलन में गहरा तनाव पैदा हो गया था। पश्चिमी देश जी20 घोषणा पत्र में यूक्रेन में युद्ध की कड़ी निंदा पर जोर दे रहा था, लेकिन भारत घोषणा पर आम सहमति तक पहुंचने के लिए आगे आया। जी20 देशों ने एक घोषणा को अपनाया जिसमें यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस की निंदा करने से परहेज किया गया।

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