रायपुर। सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायलों के लिए 20 मिनट का समय जीवन बचाने के लिए गोल्डन टाइम माना जाता है। इस दौरान घायल को उचित उपचार मिल जाए, तो उसकी जान बचाई जा सकती है। सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने लोगों को प्रोत्साहित करने एसएसपी संतोष सिंह घायलों की मदद करने वालों को हर माह गुड सेमेरिटंस (नेक इंसान) होने का प्रमाणपत्र देते हुए उन्हें सम्मानित करने का कार्य कर रहे हैं। इसी कड़ी में पिछले माह मई में घायलों को मदद करने वाले जिले के पांच नागरिकों को एसएसपी ने सम्मानित किया है।
राजधानी सहित प्रदेश में आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, सड़क दुर्घटना में ज्यादातर घायलों की मृत्यु समय पर उपचार नहीं मिलने की वजह से होती है। सड़क दुर्घटना में घायलों की मृत्यु दर कम करने समय पर उनको उपचार मिलना जरूरी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए एसएसपी ने पहल करते हुए घायलों की मदद करने वालों को सम्मानित करने का कार्य कर रहे हैं। घायलों की मदद करने वालों के सम्मान में थानों के अलावा शहर के प्रमुख चौराहों पर पोस्टर भी लगाया जा रहा है। एसएसपी ने शहर के युवाओं से घायलों की जान बचाने उनकी मदद करने की अपील की है।
इन पांच लोगों को मिला नेक इंसान का सम्मान
राजा यदु खमतराई में पदस्थ हेड कांस्टेबल जो अपनी बाइक में जाते समय डूडा के पास मवेशी से टकराकर गंभीर रूप से घायल हो गया था, उसे अपनी बाइक में ले जाकर एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराकर जान बचाई। घटना 24 मई की है।
कामता प्रसाद यादव कामता ने 30 मई को गोबरा नवापारा बस स्टैंड के पास सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को डायल 112 की मदद से अस्पताल पहुंचाया।
संदीप साहू मंदिर हसौद थाना क्षेत्र के रिंग रोड तीन में सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को डायल 108 की मदद से अस्पताल पहुंचाने में मदद की थी।
सोनू अग्रवाल तथा रसल सिंह ने 31 मई को देर रात शंकर नगर एक्सप्रेस वे ओवरब्रिज के पास गंभीर रूप से घायल दो व्यक्ति को उपचार कराने अस्पताल ले जाने डायल 108 को कॉल किया। एंबुलेंस आने में देरी होने पर सोनू तथा रसल ने घायलों को अपनी गाड़ी से उपचार कराने अस्पताल ले जाकर भर्ती कर उनकी जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।