तेल अवीव : युद्ध से जूझ रहे इस्राइल में लोग लड़ाई में मारे जा रहे अपने प्रियजनों के स्पर्म (शुक्राणु) संरक्षित करा रहे हैं। इससे अपनों को खो चुके लोगों को उम्मीद की एक नई किरण नजर आ रही है। यही वजह है कि इस्राइल में अपने बच्चों के स्पर्म संरक्षित कराने की मांग करने वाले लोगों की बाढ़ सी आ गई है।
कैसे हुई शुरुआत
इस्राइल की प्रोफेसर शिर दाफना तेकोह को 7 अक्तूबर के हमास के हमले में अपनों को खोने वाले लोगों को सांत्वना देने और उन्हें समझाने की जिम्मेदारी दी गई थी। शिर दाफना बताती हैं कि हमास के हमले के बाद अस्पतालों में शवों के ढेर लग गए थे और अपनों को खोने वाले परिजन निराशा और अंधकार में डूबे नजर आ रहे थे। इसी बीच उन्होंने म्यूजिक फेस्टिवल के दौरान अपने बेटे को खोने वाली एक महिला से पूछा कि क्या वह अपने बेटे की मौत के बाद उसके स्पर्म संरक्षित कराना चाहेंगी? दाफना ने बताया कि यह सुनकर महिला की आंखों में चमक आ गई और उसने बेटे के स्पर्म संरक्षित करने की मंजूरी दे दी।
दाफना बताती हैं कि इसके बाद उन्होंने अस्पताल प्रशासन से बात की और कुछ घंटे बाद ही कानूनी कार्रवाई के बाद शव के स्पर्म संरक्षित कर लिए गए। दाफना बताती हैं कि उसके बाद कई परिजनों ने भी इसकी मांग की। इस्राइली अस्पतालों का कहना है कि अब बड़ी संख्या में लोग ये मांग कर रहे हैं। अब इन स्पर्म से गर्भधारण कराकर बच्चे पैदा होंगे। ऐसे में युद्ध की विभिषिका झेल रहे इस्राइली लोगों के लिए स्पर्म संरक्षित कराने की प्रक्रिया वरदान बनकर आई है।
क्या है पीएसआर प्रक्रिया
बता दें कि मौत के बाद शव से स्पर्म निकालकर उन्हें संरक्षित करने की प्रक्रिया को Posthumous sperm retrieval (PSR) कहते हैं। इस प्रक्रिया में शव से स्पर्म निकालकर उन्हें लिक्विड नाइट्रोजन में फ्रोजन स्थिति में रखा जाता है। पहले इस प्रक्रिया के लिए कोर्ट से मंजूरी लेनी पड़ी थी लेकिन अब इस्राइल की सरकार ने भी अस्पतालों को यह आदेश दिया है कि अगर परिजन मांग करते हैं तो तुरंत शव से स्पर्म निकालकर संरक्षित किए जाएं। बता दें कि मौत के 24 घंटे बाद तक स्पर्म सक्रिय रहते हैं।