इस दिन मनाई जाएगी रंगभरी एकादशी, नोट करें सही तिथि और पूजा विधि

भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी की तिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है। रंगभरी एकादशी का व्रत हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। रंगभरी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा भी करना चाहिए। साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है।

माना जाता है कि ऐसा करने से घर में समृद्धि आती है और भगवान विष्णु और शिव जी का आशीर्वाद मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती काशी गए थे। इस कारण इस एकादशी का अपना अलग महत्व है और इसे बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

रंगभरी एकादशी सही तिथि

इस बार रंगभरी एकादशी तिथि को लेकर लोग काफी असमंजस में हैं। कुछ लोगों का कहना है कि रंगभरी एकादशी 20 मार्च को मनाई जाएगी, तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि रंगभरी एकादशी 21 मार्च को मनाई जाएगी। रंगभरी एकादशी तिथि 20 मार्च को रात 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। यही 21 मार्च को सुबह 2:22 बजे समाप्त होगी। इस तरह रंगभरी एकादशी का व्रत 20 मार्च को रखा जाएगा।

रंगभरी एकादशी पूजा विधि

रंगभरी एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर श्रीहरि और भगवान शिव का ध्यान करके अपने दिन की शुरुआत करें।

इसके बाद स्नान करें, साफ कपड़े पहनें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं।

विधिपूर्वक भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें।

भगवान शिव और माता पार्वती का भी जल से अभिषेक करें।

इसके बाद भगवान विष्णु, भगवान शिव और माता पार्वती को फूल चढ़ाएं।

देसी घी का दीपक जलाएं और भगवान की आरती करें।

विशेष चीजों का भोग लगाएं। श्रीहरि के प्रसाद में तुलसी दल को शामिल करना चाहिए।

अंत में प्रसाद लोगों में बांट दें।

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