सूरत। गुजरात के सूरत में कीम-कोसांबा के बीच बड़े रेल हादसे की साजिश नाकाम होने के बाद केंद्रीय और स्थानीय एजेंसियां जांच कर रही हैं। इस बीच, सूरत ग्रामीण पुलिस ने जांच में पाया कि घटना को सबसे पहले देखने वाला रेलवे कर्मचारी सुभाष पोद्दार ही इस मामले का आरोपी है। उसने प्रमोशन पाने के लिए ट्रेन पलटाने की योजना बनाई थी। उसने खुद ही पटरियों से फिश प्लेट और चाबियों को हटा दिया था।
घटना स्थल से कुछ भी नहीं मिला संदिग्ध सामान
इस पूरे मामले पर एनआईए को सबसे पहले सुभाष पर शक हुआ, क्योंकि इतने कम समय में पटरियों से 71 फिश प्लेट और चाबी कोई आम आदमी नहीं हटा सकता था। घटना सामने आने से पहले तीन ट्रेनें वहां से गुजरीं, लेकिन तीनों ट्रेनों के लोको पायलटों को कुछ भी संदिग्ध नजर नहीं आया। घटना स्थल पर कोई पदचिह्न या अन्य संदिग्ध वस्तु भी नहीं मिली। इसलिए एनआईए को पहले से ही संदेह था कि रेल कर्मचारी सुभाष पोद्दार झूठ बोल रहा है।
गिरफ्तार आरोपियों की हुई पहचान
जांच एजेंसियों ने इस मामले में रेलवे के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तार आरोपियों के नाम सुभाष कुमार कृष्णदेव पोदार, मनीष कुमार सुरदेव मिस्त्री और तीसरा शुभम श्रीजयप्रकाश जयसवाल है। इनमें सो दो बिहार और एक यूपी का रहने वाला है।
रेलवे में प्रमोशन पाने की थी इच्छा
जांच के दौरान आरोपियों ने पुलिस को बताया कि ऐसी विशेष घटनाओं में एक्सीडेंट टालने वालों को पुरस्कार दिया जाता है। साथ ही प्रमोशन भी मिलता है। रेलवे अधिकारी ने पुलिस को बताया की सुभाष ने जैसी जानकारी दी के 71 फिश प्लेट और चाबियों को हटाकर पटरियों पर रख दिया गया है। रेलवे कर्मी सुभाष पोद्दार की सतर्कता के कारण एक बड़ी दुर्घटना और जनहानि होने से बच गई। एक बड़ा हादसा होने टल गया।
बनाई झूठी कहानी
घटना के बारे में कीम स्टेशन मास्टर को सूचित करने के बाद ट्रेन को तुरंत कोसांबा रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया। जांच के दौरान गश्ती पर निकले सुभाष पोद्दार ने बताया कि उन्होंने तीन अज्ञात लोगों को रेलवे ट्रैक पर चलते देखा था। इस तरह की कहानी बनाने के बाद आरोपियों से पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।