रायपुर । शिक्षा विभाग में फर्जी बिल के जरिये करोड़ों की हेराफेरी का मामला सामने आया है। इस मामले में लोक शिक्षण संचालक ने प्रभारी प्राचार्य और एक व्याख्याता को निलंबित कर दिया है। इस मामले में एक शिक्षक और सहायक ग्रेड-3 का भी नाम आया है। मामला कोरबा जिले के हरदीबाजार स्कूल का है, जहां सेवानिवृत्त व मृत शिक्षकों के नाम से फर्जी बिल जारी कर हेराफेरी की गई है।
जानकारी के मुताबिक कोरबा जिले के हरदीबाजार स्कूल में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य व्यास नारायण दिवाकर, सहायक ग्रेड-3 ऋषि कुमार जायसवाल, अंडीकछार मिडिल स्कूल के शिक्षक सुरेंद्र कुमार पाटले और व्याख्याता होमनाथ भारद्वाज ने रिटायर्ड और मृत शिक्षकों के नाम पर फर्जी देयक बनाकर एक करोड़ 4 लाख 46,400 रुपए की हेराफेरी की है। यह मामला सामने आने पर बिलासपुर के संभागीय संयुक्त संचालक ने जांच की और लोक शिक्षण संचालनालय को अपनी रिपोर्ट भेजी थी। इसके आधार पर लोक शिक्षण संचालक सुनील जैन ने व्यास नारायण दिवाकर और होमनाथ भारद्वाज को सस्पेंड कर दिया है।
जांच में यह बात सामने आई है कि प्रभारी प्राचार्य दिवाकर ने सहायक ग्रेड-3 जायसवाल के साथ मिलीभगत कर हरदीबाजार हायर सेकंडरी स्कूल में पदस्थ व्याख्याता (एलबी) राजेश कुमार राठौर की मृत्यु के बाद पात्रता नहीं होने पर भी ग्रेच्युटी की राशि 691891 रुपए उनकी पत्नी के खाते में जमा कराई।