पीएम मोदी को भाया अंबिकापुर का ‘गार्बेज कैफे’, ‘मन की बात’ में तारीफ करते हुए देश को दिया उदाहरण

रायपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के गार्बेज कैफे का कॉन्सेप्ट बेहद पसंद आया है. उन्होंने अपने रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ में इस कैफे की तारीफ की है. उन्होंने इस कैफे को प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के लिए एक प्रेरक उदाहरण बताया. साथ ही देश को इसका उदाहरण देते हुए कहा कि अंबिकापुर बताता है जब प्रयास किए जाए तो बदलाव संभव है.

अंबिकापुर के गार्बेज कैफे की तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ की तारीफ की है. उन्होंने अपने रेडियो शो ‘मन की बात’ में अंबिकापुर में बने देश के पहले गार्बेज कैफे की तारीफ की. उन्होंने इस कैफे का जिक्र करते हुए कहा- ‘यहां आधे किलो गार्बेज दे कर नाश्ता कर सकते हैं. वहीं, 1 किलो गार्बेज दे कर दिन या रात का खाना खा सकते हैं. प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट में ये एक प्रेरक उदाहरण है कि जब ठान लिया जाए तो बदलाव भी किया जा सकता है. अंबिकापुर बताता है जब प्रयास किए जाए तो बदलाव संभव है.’

सीएम मोदी ने जताया आभार

पीएम मोदी द्वारा अंबिकापुर के गार्बेज कैफे की तारीफ पर सीएम विष्णु देव साय ने कहा- ‘प्रधानमंत्री के हम आभारी हैं. मन की बात में छत्तीसगढ़ का जिक्र कई बार किया है. आज भी छत्तीसगढ़ का जिक्र किया है. अंबिकापुर नगर निगम स्वच्छता के मामले में अव्वल रहा है, जिसका पीएम मोदी ने जिक्र किया है.’ उन्होंने आगे कहा- ‘नक्सलवाद के साथ लड़ाई लड़ रहा है. नक्सली जमीन के अंदर बम गाड़ कर रखते है. उसको खोजने में देशी स्वान का रोल रहा है. उसका जिक्र भी पीएम ने किया है.’

गार्बेज कैफे

अंबिकापुर में देश का पहला गार्बेज कैफे खुला, जहां 1 किलो प्लास्टिक कचरे के बदले खाना मिलता था. यह कैफे अंबिकापुर नगर निगम द्वारा संचालित किया जाता है. वहीं, ‘छत्तीसगढ़ का शिमला’ कहे जाने वाले मैनपाट में देश का पहला ग्रामीण गार्बेज कैफे खोला गया है. यहां प्लास्टिक कचरे के बदले खाना मिलता है. ग्रामीण गार्बेज कैफे शहरी गार्बेज कैफे से थोड़ा अलग है. यहां आप 1किलो प्लास्टिक कचरा के बदले केवल नाश्ता दिया जाता है, जबकि पूरे भोजन के लिए 2 किलो प्लास्टिक देना होगा.

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