डीकेएस अस्पताल में मरीज की जान से खिलवाड़, नर्सिंग स्टाफ एवं पीजी डॉक्टर के एक्सपायरी इंजेक्शन लगाने से मरीज लकवाग्रस्त
मरीज के परिजनों ने की डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ व अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही की मांग

रायपुर : राजधानी के डीकेएस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मरीज की जान से खिलवाड़ करते हुए एक्सपायरी इंजेक्शन लगाकर गंभीर लापरवाही बरती गई, एक्सपायरी इंजेक्शन की वजह से मरीज लकवाग्रस्त होकर अस्पताल में ही भर्ती है वही जब परिजनों ने ड्यूटी में रहे डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ से एक्सपायरी इंजेक्शन लगाने की बात कही तो उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि इंजेक्शन को महज दो दिन ही एक्सपायरी हुआ है, मरीज को कुछ नहीं होगा मगर इंजेक्शन लगाने के बाद से मरीज की हालत बिगडती गई नतीजन मरीज लकवा का शिकार हो गया है|
मरीज के परिजनों ने बताया कि बलौदाबाजार जिले के निवासी मानबाई साहू उम्र 58 वर्ष जो ब्रेन स्ट्रोक की मरीज है जिसे रविवार सुबह 9:00 बजे ब्रेन स्ट्रोक के कारण अंबेडकर अस्पताल लेकर गए, अंबेडकर अस्पताल में इंजेक्शन नहीं होने के कारण उन्हें इलाज के लिए डीके अस्पताल रेफर किया गया| डीकेएस अस्पताल में इमरजेंसी के समय मरीज के अंबेडकर अस्पताल के सीटी स्कैन रिपोर्ट देखने के बाद एमआरआई जांच कराया गया, डीकेएस अस्पताल में तत्पश्चात ब्लड क्लोट होने के कारण उन्हें मस्तिष्क में ब्लड डिसोल्व के लिए इंजेक्शन एक्सपायरी लगाया गया| इंजेक्शन जनवरी में एक्सपायरी हो चुका था मरीज 2 फरवरी को अस्पताल पहुंचा था मरीज के परिवार के इंजेक्शन देखकर एक्सपायरी होने की जानकारी दिया तो ड्यूटीरत डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ के द्वारा कहा गया कि दो दिन हुए हैं एक्सपायरी हुए कुछ नहीं होगा असर करेगा चिंता मत कीजिए कर पल्ला झाड़ दिए और इंजेक्शन लगा दिया गया |
परिजनों ने बताया कि इंजेक्शन लगने के पश्चात दूसरे दिन मरीज के बाया साइड का पैर और हाथ काम करना बंद कर दिया है मरीज बेड पर है, परिजनों ने इस बड़ी लापरवाही के जिम्मेदार डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ अस्पताल प्रबंधन इमरजेंसी विभाग के प्रमुख के ऊपर कार्यवाही हो मरीज को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है मरीज को आर्थिक क्षतिपूर्ति प्रबंधन के द्वारा दिया जाना चाहिए|