ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के गोचर से व्यक्ति के जीवन में शुभ या अशुभ परिणामों के योग बनते हैं। जहां शुभ योगों में जीवन में तरक्की के द्वार खुलते हैं, तो वहीं अशुभ योगों में तमाम तरह की कठिनाईयों और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, 14 अप्रैल से मेष राशि में पितृ दोष का निर्माण होने जा रहा है।
सूर्य देव 14 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश करेंगे और वहां पहले से ही राहु ग्रह विराजमान हैं। साथ ही कुंभ राशि में मौजूद शनि की तीसरी दृष्टि पड़ रही है। इसलिए मेष राशि में गंभीर पितृदोष का निर्माण होगा। इस दौरान कुछ राशियों के लिए समय खराब होनेवाला है, उन्हें सावधान रहना चाहिए और इसका उपाय करना चाहिए। आपको उन राशियों के बारे में बताते हैं, जिन पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़नेवाला है। उससे पहले जानिए कि ये पितृदोष आखिर होता क्या है…
क्या होता है पितृदोष?
ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य और राहू की युति बन रही हो, तो माना जाता है कि पितृ दोष योग बन रहा है। इसके अलावा कुंडली में जब सूर्य-राहु युति पर शनि की भी दृष्टि हो, तो इसे पितृ दोष माना जाता है। इसका असर ये होता है कि सूर्य तथा राहू जातक की कुंडली के जिस भी भाव में एक साथ बैठते हैं, उस भाव के सभी फल नष्ट हो जाते हैं। माना जाता है कि व्यक्ति की कुंडली में मौजूद पितृ दोष, जीवन में सभी प्रकार के दुख, एक साथ देने की क्षमता रखता है। साथ ही यदि कुंडली के पितृ दोष का निवारण न किया जाये तो इसका असर अगली पीढ़ी पर भी दिखता है।
मेष राशि
आप लोगों के लिए पितृ दोष थोड़ा नुकसानदायक साबित हो सकता है। क्योंकि यह दोष आपकी राशि में ही पितृ दोष बन रहा है। आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है। आत्मसम्मान को ठेस लग सकती है और किसी कार्य की वजह से आपकी बदनामी हो सकती है। परिवार के माहौल में अशांति हो सकती है और पत्नी के साथ किसी विषय को लेकर मनमुटाव हो सकता है। जो लोग सरकारी विभाग में कार्यरत हैं, उनको थोड़ा ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
सिंह राशि
इस राशि के जातकों के लिए पितृ दोष अशुभ साबित हो सकता है। इस अवधि में आर्थिक नुकसान होने की आशंका है। मान-सम्मान में कमी होगी और शिक्षा में व्यवधान उत्पन्न होंगे। प्रेम-संबंधों में भी दरार आ सकती है। इस अवधि में निवेश, सट्टा-बाजार, नया कार्य आदि में पैसे ना लगाएं, वरना भारी नुकसान हो सकता है। संतान की सेहत को लेकर भी सावधानी बरतें। इस समय फिजूल खर्चे भी बढ़ सकते हैं, जिससे आपका बजट बिगड़ सकता है।
धनु राशि
इस राशि के जातकों के लिए पितृ दोष थोड़ा प्रतिकूल सिद्ध हो सकता है। इस अवधि में भाग्य का साथ नहीं मिलेगा और अच्छा-भला चल रहा काम रुक सकता है। कारोबार में कम मुनाफा होने या आर्थिक नुकसान के संकेत हैं। बेवजह लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ सकती है, जिसमें धन का अपव्यय होगा। धार्मिक कार्यों में अरुचि पैदा होगी और किसी काम में मन नहीं लगेगा। पिता की सेहत बिगड़ सकती है। उनका ध्यान रखें।