Pervez Musharraf: दिल्ली में जन्म से लेकर पाकिस्तान के राष्ट्रपति तक, जानें परवेज मुशर्रफ के बारे में सबकुछ

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में ताकतवर नेताओं को फांसी देना कोई नई बात नहीं है। इतिहास इसका गवाह है। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को भी फांसी दी जा चुकी है। अब लंबे समय के बाद पाक के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भी देशद्रोह के मामले में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। मुशर्रफ ने पिछले कई साल अमेरिका में बिताए।

परवेज मुशर्रफ का जन्म 11, अगस्त 1943 को दिल्ली के दरियागंज में हुआ था। भारत के विभाजन के बाद उनका परिवार कराची जाकर बस गया। बाद में वे पाकिस्तान के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख बने। इन्होंने साल 1999 में नवाज शरीफ की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलट कर पाकिस्तान की बागडोर संभाली और 20 जून, 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे।

पुरानी दिल्ली के जानेमाने परिवार से ताल्लुक रखते थे मुशर्रफ

पुरानी दिल्ली के जिस घर में मुशर्रफ का जन्म हुआ था, वो अब काफी पुराना और कमजोर हो चुका है। हालांकि उस आलीशान घर को देखकर इस बात का अंदाजा अब भी लगाया जा सकता है कि मुशर्रफ उन दिनों पुरानी दिल्ली के जानेमाने परिवार से ताल्लुक रखते थे। अब उस हवेलीनुमा घर में आठ परिवार रहते हैं। साल 2001 में भारत दौरे के पहले दिन मुशर्रफ पुरानी दिल्ली के उस मकान में गए थे, जहां उनका बचपन गुजरा था। विभाजन के बाद मुशर्रफ के परिवार ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया और पुरानी दिल्ली के उस घर को छोड़कर सबलोग पाकिस्तान चले गए। उस समय मुशर्रफ मात्र चार साल के थे।

2001 के समय जो लोग उस घर में रहते थे, उनमें से अधिकतर को तो इस बात की जानकारी भी नहीं थी कि उसके असली मालिक कौन हैं? घर के असली कागजातों पर सारी जानकारियां उर्दू में लिखी हुई हैं, जिनपर मुशर्रफ के पिता के नाम से अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए हुए हैं। आश्चर्य की बात यह है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक और अल्पसंख्यक समुदाय के नेता सर सैयद अहमद मुशर्रफ के पड़ोस वाले मकान में ही रहते थे। मुशर्रफ के पुराने घर के आसपास के इलाके बहुत पॉश, संकरे और गंदे हैं।

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