Old Pension Scheme: देशभर के सरकारी कर्मियों ने दिल्ली में भरी हुंकार, रामलीला मैदान में जुटी भारी भीड़

नईदिल्ली। पुरानी पेंशन स्कीम बहाली को लेकर देशभर के कर्मियों ने दिल्ली में हुंकार भरी। रामलीला मैदान आयोजित महारैली में बड़ी संख्या में केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी पहुंचे जिनके समर्थन में कई पार्टियों के नेता, किसान नेता समेत कई संगठन के कार्यकर्ता मौजूद थे। उनका कहना था कि सरकार अपनी जिद नहीं छोड़ती है तो इससे भी बड़ा आंदोलन पूरे देश में किया जाएगा। अगामी लोकसभा चुनाव में केंद्र व राज्य सरकार के 10 करोड़ कर्मियों की यह संख्या निर्णायक साबित होगी।

पेंशन शंखनाद महारैली का आयोजन नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के बैनर तले किया गया। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने इस मौके पर कहा कि पुरानी पेंशन कर्मियों का अधिकार है, सरकार से खैरात नहीं मांग रहे है। सरकारी कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है। चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक साबित होगी। पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और झारखंड में पुरानी पेंशन बहाल की जा चुकी है। जब भारत आर्थिक रूप से मजबूत हो चुका है तो फिर पेंशन क्यों नहीं दे सकता। सरकार बातें नहीं मानती तो जल्द ही वोट फॉर ओपीएस अभियान चलाया जाएगान। रैली के चलते रामलीला मैदान के चारों तक सभी सड़कों पर कई घंटे तक जाम जैसी स्थिति रही।

सरकारी कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर किया जा रहा आंदोलन रविवार को विकराल रुप धारण कर गया। दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलनकारी लोगों की इतनी भीड़ का अंदाजा न तो केंद्र की भाजपा सरकार को था और न ही दिल्ली सरकार को। दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलनकारियों की इस भीड़ ने अन्ना हजारे आंदोलन की याद दिला दी। खास बात यह है कि पुरानी पेंशन बहाली के इस आंदोलन को कई बड़े नेताओं ने अपना समर्थन दिया है।

पुरानी पेंशन स्कीम कर्मचारियों का हक: भूपेंद्र सिंह हुड्डा
इस मौके पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों का हक है। मांगें एकदम जायज है और सरकार को इसे लागू करना चाहिए। कर्मचारियों के इस आंदोलन का पूरा समर्थन करते हैं।

किसान इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे: टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम को पूर्ण समर्थन है। देश का किसान इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा और इसे मजबूती से लड़ने का काम करेगा।

देशभर के कर्मचारी मोदी सरकार के खिलाफ: संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 40 दिन विधायक सांसद रहने वाले को पूरी जिंदगी पेंशन, तो 40 साल काम करने वाले कर्मचारी को पेंशन क्यों नहीं दी जाती। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नारा है ‘जहां आप का शासन वहां पुरानी पेंशन’।

कांग्रेस ने हमेशा कर्मचारियों के हितों को सर्वोपरि रखा है: लवली
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा कर्मचारियों के हितों को सर्वोपरि रखा है। कांग्रेस पार्टी की जिन राज्यों में सरकारें है, वहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के आदेशानुसार पुरानी पेंशन को लागू किया जा रहा है। दिल्ली में कांग्रेस की सरकार आने पर सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू किया जाएगा। साथ ही अनुबंधित गेस्ट टीचरों व अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी तुरंत प्रभाव से नियमित किया जाएगा।

केंद्र में कांग्रेस की सरकार आई तो पहले दिन पुरानी पेंशन लागू करेंगे: डॉ. उदित राज
देश और दिल्ली में कांग्रेस पार्टी कर्मचारियों के साथ खड़ी हैं। इस मौके पर पूर्व सांसद डा. उदित राज ने कहा कि इंडिया की सरकार यानी कांग्रेस की सरकार केंद्र में आई तो पहले दिन ही पुरानी पेंशन बहाल की जाएगी। नई पेंशन योजना का पूर्णत: विरोध करते है। देश के सभी कर्मचारियों के साथ कांग्रेस पार्टी खड़ी है। पूर्व सांसद संदीप दीक्षित सहित कई नेता समर्थन देने पहुंचे थे। उनका कहना था कि सरकारी कर्मचारियों की रैली से मोदी सरकार के खिलाफ बिगुल बज चुका है, 2024 में भाजपा का तय है क्योंकि देश भर के सरकारी मोदी सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे।

बड़ी संख्या में हुए शामिल
रामलीला मैदान में आयोजित इस रैली को पेंशन शंखनाद महारैली का नाम दिया गया था। रैली में हजारों की संख्या में राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारी शामिल हुए थे। रविवार सुबह 11 बजे रामलीला मैदान खचाखच भरा हुआ था। बैठने की जगह नहीं होने की वजह से रामलीला मैदान की चारों तरफ की सड़क पर प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते दिखें। रैली की वजह से दिल्ली वालों को ट्रैफिक जाम की समस्या से भी दो चार होना पड़ा।

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